दिल्ली के पुराना किला की फिर शुरू हुई खुदाई
पुरातत्व विभाग पहले हुई खुदाई मेंं मिले प्रमाणों का करेगा संरक्षण

LP Live, New Delhi: नई दिल्ली के ऐतिहासिक पुराना किला में पहले दो बार खुदाई के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) एक बार फिर खुदाई शुरू कर दी है। एएसआई की इस खुदाई का मकसद पांडवों की राजधानी होने के प्रमाण जुटाना तथा पहले खोदी गई खाईयों का खुलासा कर उनका संरक्षण करना है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अनुसार एएसआई के वरिष्ठ अधिकारी वसंत कुमार स्वर्णकर के नेतृत्व में पुराने किले में खुदाई शुरू की गई है। इस बार हो रही खुदाई में एएसआई का ध्यान स्तरित शैल विज्ञान या स्ट्रैंटीग्राफिकल संदर्भ में पेंटेड ग्रे वेयर के निशान खोजने पर केन्द्रि त है। इस खुदाई का यह भी मकसद है कि इससे पह ले वर्ष 2013-14 और 2017-18 में खोदी गई खाइयों का खुलासा और संरक्षण किया जाए। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस जगह पांडवों की राजधानी थी, वह जगह आज दिल्ली के पुराना किला के अंदर कहीं विलुप्त है। हालांकि अब तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। इससे पहले एएसआई की टीम को साल 2017-18 में खोदाई के दौरान मौर्य काल और इससे पहले के कुछ अवशेष मिले थे। इसमें चूड़ी, सिक्के, पानी निकासी के लिए नालियां समेत अन्य सामान था, जो करीब 2500 साल पुराना था। जबकि इस बार की खुदाई के दौरान स्ट्रैटिग्राफ़िकल संदर्भ में पेंटेड ग्रे वेयर यानी मिट्टी के बर्तनों की एक परंपरा है जिसमें स्लेटी रंग के बर्तनों पर काले रंग से डिजाइन किया जाता था के निष्किर्षों को खोजने पर ध्यान केन्द्रि त किया जा रहा है। प्राचीन इंद्रप्रस्थ बसने के रूप में पहचाने गए पुराना किला में 2500 वर्षों की निरंतर बसावट पहले की खुदाई में स्थापित की गई थी।
कलाकृतियों में पेंटेट ग्रे वेयर
पूर्व की खुदाई में प्राप्त निष्कर्षों और कलाकृतियों में पेंटेट ग्रे वेयर शामिल हैं, जो 900 ईसा पूर्व से संबंधित हैं, इसमें मौर्य काल से लेकर शुंग, कुषाण, गुप्त, राजपूत, सल्तनत और मुगल काल तक के मिट्टी के बर्तनों का क्रम शामिल है। किले के परिसर के भीतर पुरातत्वह संग्रहालय में खुदाई की गई कलाकृतियाँ जैसे दरांती, फल या सब्जीा काटने वाला छोटा चाकू, टेराकोटा के खिलौने, भट्ठे- पकी हुई ईंटे, मनके, टेराकोटा की मूर्तियाँ, मुहरें और सौदे आदि प्रदर्शित किए गए हैं।
कई बार हो चुकी है खुदाई
पांडवों की राजधानी का पता लगाने के लिए कई बार दिल्ली के पुराने किले में खुदाई की गई है। सबसे पहले सन् 1955 में पुराने किले के दक्षिण पूर्वी हिस्से में खुदाई की गई थी। इसमें चित्र वाले भूरे रंग के बर्तनों के टुकड़े मिले थे। इसके बाद 1969 में दोबारा खुदाई शुरू की गई। यह 1973 तक चलती रही। हालांकि, चित्रित बर्तनों वाले लोगों की बस्ती का पता नहीं चला। 16वीं शताब्दी का पुराना किला, शेर शाह सूरी और दूसरे मुगल बादशाह हुमायूं द्वारा बनवाया गया था। यह किला हजारों साल का इतिहास समेटकर एक स्थाृन पर खड़ा है। पद्म विभूषण प्रो. बी बी लाल ने भी किले और इसके परिसर के अंदर वर्ष 1954 और 1969-73 में खुदाई का काम किया था।
