

हरियाणा के मानेसर में हुआ शहरी शासन की सुदृढ़ समिति प्रणाली बनाने पर मंथन
LP Live, Manesar: देश में पहली बार शहरी स्थानीय निकायों को एक मंच पर लाने के लिए आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा कि शहरी शासन, स्थानीय निकायों की गुणवत्ता का सीधा रिश्ता आम जनजीवन से होता है। आम जन के जीवन को आसान बनाने और विकसित करने में इनकी भूमिका अहम होती है।
गुरुग्राम के मानेसर स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी), आईएमटी में देश के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के आयोजित पहले दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह के सत्र में बोलते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश शामिल हुए। उन्होंने देश के सभी राज्यों के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षतों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए नागरिक शासन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित ‘जीवन को आसान बनाने’ के व्यापक उद्देश्य में शहरी निकायों की लोकतांत्रिक प्रणाली को सुदृढ़ समिति प्रणाली से मजबूत बनाया जाए। उन्होंने प्रौद्योगिकी और उपलब्ध संसाधनों के कुशल उपयोग करके कई स्थानीय चुनौतियों का समाधान करने में विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों की सराहना की। इस दो दिवसीय कार्यक्रम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में हरियाणा के माननीय राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी प्रमुख रूप से शामिल थे।

विकसित भारत में शहरी निकायों की भूमिका
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि 2014 से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ पर जोर देने के साथ-साथ ‘ईज ऑफ लिविंग’ की दिशा में महत्वपूर्ण काम किये हैं। इस संबंध में शहरी स्थानीय निकायों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है। नागरिक सुविधाओं की विभिन्न मांगों को संबोधित करना, डिजिटलीकरण का उपयोग करके आवश्यक सेवा तक आसान पहुंच बनाना आदि कुछ ऐसे कदम हैं, जिनमें शहरी स्थानीय निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विभिन्न शहरी निकायों के प्रमुखों से बजट आवंटन में पारदर्शिता बनाए रखते हुए,अपने शासन को अधिक सहभागी बनाने पर जोर दिया। हरिवंश ने कहा कि 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने में शहरी क्षेत्रों के शासन व निकायों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसके लिए जरूरी है कि शासन को अधिक समावेशी बनाया जाए।
