चीन सीमा के गांवों में विकास के लिए चलेगा ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने चीन सीमा पर सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में चीन समेत उत्तरी सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को मंजूरी दी है। वहीं भारत-चीन सीमा पर तैनात आईटीबीपी के लिए 9,400 कर्मियों की एक ऑपरेशनल बटालियन के साथ सात नई बटालियन की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में सिंकुलना टनल के निर्माण को भी मंजूरी दे दी गई।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए 4800 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन के साथ केंद्र प्रायोजित योजना ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ को मंजूरी दे दी है। के वित्तीय आवंटन में से 2500 करोड़ रुपए का उपयोग सड़कों के लिए किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत देश की सीमाओं को मजबूत करने के मकसद चीन समेत देश की उत्तरी सीमाओं पर बसे गांवों में बुनियादी का विकास किया जाएगा। लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमा ब्लॉकों के 2966 गांवों में सड़क, बिजली जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। उत्तरी सीमा पर ब्लॉकों के गांवों के व्यापक विकास से चिन्हित सीमावर्ती गांव में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के साथ सीमा की सुरक्षा में सुधार होगा। कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा।
चीन सीमा पर ऑपरेशनल बटालियन
देश की सुरक्षा की दिशा में उत्तरी सीमा पर सैन्य बलों के आवगमन सड़कों एवं सुरंगों का निर्माण, सीमावती गांव के विकास के साथ ही भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा को ज्यादा मजबूत करने के लिए सरकार ने सात नई बटालियनों की स्थापना करकेगी। इसके लिए दी गई मंजूरी में चीन सीमा पर तैनात आईटीबीपी के लिए 9,400 कर्मियों की एक ऑपरेशनल बटालियन की भी स्थापना करने का निर्णय लिया गया है।
दो लाख सहकारी समितियां बनेंगी
इसके अलावा कैबिनेट ने देश में सहकारिता आंदोलन की जमीनी स्तर तक पहुंच को मजबूत करने के लिए लिए भी समितियों की स्थापना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया, अगले पांच सालों में दो लाख बहुउद्देशीय डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।