LP Live, Gandhinagar: गुजरात में 2013 के एक बलात्कार के मामले में आरोपी चल रहे आसाराम बापू को अदालत ने दोषी करार दिया है। अदालत के न्यायाधीश ने सजा को लेकर अपना आदेश मंगलवार 31 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया। यानी अदालत मंगलवार को सजा सुनाएगी।
अध्यात्म से जुड़े रहे आसाराम बापू राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। आसाराम बापू व अन्य लोगों के खिलाफ गुजरात में बलात्कार के एक मामले में गांधीनगर की अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने सोमवार को आसाराम बापू को दोषी ठहराया है, जबकि सुनवाई के दौरान अदालत ने सबूतों के अभाव में आसाराम की पत्नी समेत छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने मामले में हुई सुनवाई की जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले को स्वीकार कर लिया है और आसाराम को धारा 376 2(सी) (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध) और भारतीय दंड संहिता के अन्य प्रावधानों के तहत अवैध हिरासत के लिए को दोषी ठहराया है। अदालत आसाराम बापू को कल मंगलवार को सजा सुनाएगी।
कब का है ये मामला
दरअसल सूरत की एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम बापू और सात अन्य लोगों के खिलाफ बलात्कार और अवैध रूप से बंधक बनाने का मामला दर्ज कराया था। आरोपियों में से एक आरोपी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी। 2013 में यह मुकदमा अहमदाबाद पुलिस को स्थानांतरित कर दिया गया था, जिसमें पुलिस ने इस मामले में जुलाई 2014 में चार्जशीट दायर की थी। अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार आसाराम बापू ने 2001 से 2006 के बीच पीड़िता महिला से कथित तौर पर कई बार दुष्कर्म किया था। जब उसके साथ यह हो रहा था, तब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में रह रही थी।
जोधपुर जेल में बंद हैं बापू
गौरतलब है कि आसाराम बापू एक अन्य बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद वर्तमान में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। जबकि सूरत की अदालत में नारायण साईं के खिलाफ एक अलग मुकदमा चल रहा है। दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 1997 से 2006 के बीच आसाराम और उनके बेटे द्वारा संचालित मोटेरा आश्रम में उनके साथ बलात्कार किया गया था। छोटी बहन ने नारायण साईं और बड़ी ने आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।