दिल्ली-एनसीआरदेश

आम आदमी पार्टी को सरकारी खजाने में देने होंगे 163 करोड़

दिल्ली सरकार ने सरकारी पैसे से राजनीतिक प्रचार करने भेजा नोटिस

आप ने सुप्रीम कोर्ट की सरकारी विज्ञापन गाइड लाइन का उल्लंघन?
LP Live, New Delhi: दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 163.62 करोड़ रुपये की रिकवरी का नोटिस भेजा है। इसमें मूलधन 99.31 करोड़ है और 64.31 करोड़ रुपये ब्या ज है। इससे पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने मुख्य सचिव को सरकारी विज्ञापनों की आड़ में प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापनों के लिए आप से यह धनराशि वसूलने का निर्देश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट की सरकारी विज्ञापन गाइडलाइन के मुताबिक आम आदमी पार्टी को दिल्ली सरकार की तरफ से भेजे गये नोटिस पर 10 दिन के भीतर सरकारी खजाने में 163.6 करोड़ रुपये जमा कराने होंगे, इसमें 99.31 करोड़ प्रिंसपिल और 64 करोड़ पीनल इंट्रेस्ट शामिल है। दिल्लीए सरकार की तरफ से आप को भेजे गये नोटिस के मुताबिक 2016-17 में आप ने सरकारी विज्ञापनों की आड़ में सरकारी खजाने से राजनीतिक विज्ञापन दिए, जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन करते हैं। डीआईपी ने चेतावनी दी कि अगर तय वक्त में रकम जमा नहीं कराई तो ‘जरूरी कार्रवाई’ की जाएगी। आप को भेजे गए रिकवरी नोटिस में सुप्रीम कोर्ट की जिन गाइडलाइंस को आधार बनाया गया है, वे 2015 में तय की गई थीं। शीर्ष अदालत की गाइडलाइंस के अनुसार सरकारी विज्ञापनों में किसी पार्टी के हितों को प्रमोट नहीं किया जाना चाहिए। सरकारी विज्ञापनों में सत्ताधारी पार्टी का नाम मेंशन करने पर भी रोक है। विस्तार से उन गाइडलाइंस को जानते हैं जिनकी वजह से अब आम आदमी पार्टी को मुसीबत उठानी पड़ रही है। डीआईपी द्वारा आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 163.62 करोड़ रुपये की रिकवरी के भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि यह आदेश सरकारी विज्ञापनों के कंटेंट रेगुलेशन के लिए बनी समिति के आदेश के बाद दिया। यह वही पैनल है, जिसके गठन का निर्देश सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में दिया था।

राशि जमा न कराने पर कार्रवाई
सूत्रों ने कहा कि सूचना एवं प्रचार निदेशालय की ओर से जारी वसूली नोटिस में राशि पर लगा ब्याज भी शामिल है और 10 दिन के अंदर पूरी राशि का भुगतान करना अनिवार्य है। एक सूत्र के अनुसार यदि ‘आप’ संयोजक ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो दिल्ली के उपराज्यपाल के पिछले आदेश के अनुसार समयबद्ध तरीके से सभी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिसमें पार्टी की संपत्तियां कुर्क किया जाना भी शामिल है।

आप ने नहीं दिया कोई जवाब
दिल्ली सरकार के नोटिस में 164 करोड़ की रकम जमा करने के आदेश पर आम आदमी पार्टी की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। इसके पहले पार्टी ने एलजी वीके सक्सेना पर यह कहते हुए आरोप लगाया कि सक्सेना भाजपा के इशारे पर यह आदेश दे रहे हैं। पार्टी ने इसके साथ दावा किया कि उन्हें यह आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है। 19 दिसंबर को जारी आदेश का पालन करते हुए डीआईपी ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 164 करोड़ रिकवरी के रूप में जमा करने का नोटिस दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इसमें 99.31 करोड़ प्रिंसपिल और 64 करोड़ पीनल इंट्रेस्ट शामिल है।

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