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अब कहीं से भी ड़ाला जा सकेगा वोट!

चुनाव आयोग ने विकसित की ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’

राजनीतिक दलों के सामने 16 जनवरी को रिमोट वोटिंग का होगा प्रदर्शन
LP Live, New Delhi: भारत निर्वाचन आयोग ने रोजगार, शिक्षा या अन्य कारणों से गृह नगर से देश में दूर दराज क्षेत्रों में बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है। आयोग ने एक ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ का मॉडल तैयार किया है, जिससे देश में कहीं से भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेगा। आयोग ने इस वोटिंग मशीन को दिखाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों को 16 जनवरी को इस वोटिंग मशीन के मॉडल को दिखाने के लिए आमंत्रित किया है।

निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव आयुक्त अनूप चन्द्र पाण्डेय आयोग और चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के साथ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट मतदान केंद्रों अर्थात गृह निर्वाचन क्षेत्र के लिए रोजगार या शिक्षा स्थल के मतदान केंद्रों से मतदान करने में सक्षम करने के लिए समय की कसौटी पर खरे उतरे एम3 ईवीएम मॉडल के संशोधित संस्करण का उपयोग करने का विकल्प ढूंढा है। इस तरह प्रवासी मतदाता को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए वापस अपने गृह जिले की यात्रा करने की जरूरत नहीं होगी। चुनाव आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक स्तरों पर प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को संभव बनाने के लिए सर्वसमावेशी समाधान ढूंढने और मतदान करने की वैकल्पिक पद्धतियों जैसे कि दो-तरफ़ा प्रत्याक्ष ट्रांजिट पोस्टढल बैलट, परोक्षी (प्रॉक्सी) मतदान, विशेष समय-पूर्व मतदान केंद्रों में जल्दीश मतदान, डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रेषण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली आदि सभी विकल्पों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया।

प्रवासी मतदाताओं को मिलेगी राहत
चुनाव आयोग के अनुसार इस प्रौद्योगिकीय तरक्की के युग में प्रवासन के आधार पर मतदान के अधिकार से वंचित करना स्वीकार योग्य विकल्प नहीं है। इस दृष्टि से आयोग ने एक प्रोटोटाइप बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को विकसित किया है। इस मशीन के जरिए प्रवासी मतदाताओं को मतदान करने के लिए अपने गृह स्थल पर आने की जरुरत नहीं होगी और वह जहां भी होगा वहीं से रिमोट वोटिंग कर सकेगा। आयोग के अनुसार प्रोटोटाइप आरवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से कई निर्वाचन क्षेत्रों का संचालन कर सकेगा। इस वोटिंग मशीन से कोई भी वोटर जहां है वहीं से वोटिंग कर सकेगा। चुनाव आयोग ने इस मशील के प्रदर्शन को दिखाने के लिए मान्यता प्राप्त आठ राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को 16 जनवरी 2023 को निर्वाचन सदन में बुलाया है।

मत प्रितशत बढ़ाने की पहल
चुनाव आयोग की इस पहल से देश में मत प्रतिशत बढ़ाया जाना संभव है। आयोग के अनुसार अभी तक प्रवास आधारित विघटन तकनीकी प्रगति के युग में एक विकल्प नहीं है। आम चुनाव 2019 में मतदाता मतदान 67.4 प्रतिशत था और भारत का चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने के मुद्दे के बारे में चिंतित है और यह भी आयोग ने कहा कि विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदान हुआ। जबकि लगभग 85 प्रतिशत आंतरिक प्रवासन राज्यों के भीतर होता है। यह माना जाता है कि एक मतदाता द्वारा निवास के नए स्थान में पंजीकरण न कराने और इस तरह, मतदान करने के अधिकार का प्रयोग करने का अवसर गंवाने के अनेक कारण होते हैं। वोटर टर्नआउट में सुधार लाने और निर्वाचन में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रमुख बाधा आंतरिक प्रवासन (घरेलू प्रवासियों) के कारण मतदाताओं द्वारा मतदान न कर पाना भी है जिसका समाधान किया जाना आवश्यक है।

कानूनी चुनौतियां
चुनाव आयोग के अनुसार देश में मताधिकार के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 में संशोधन करने की जरुरत है। इसके साथ ही प्रवासी मतदाता को परिभाषित करना, मतदान दिवस में अनुपस्थित रहने वाले मतदाता से लेकर स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाता, ‘मामूली निवास’ और ‘अस्थायी रूप से अनुपस्थित मतदाता’ की विधिक संरचना के परिप्रेक्ष्य में मूल स्थान पर पंजीकरण को बनाए रखना, रिमोट वोटिंग को परिभाषित करना, राज्यक्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संकल्पना से निपटना, दूरवर्तिता को परिभाषित करना जैसी चुनौतियों का समाधान भी होना चाहिए।

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