अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में भारतीय संस्कृति के दर्शन
एनजेडसीसी के कलाकारों ने लोक नृत्य में बिखेरे रंग
LP Live, Kurukshetra: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरूक्षेत्र में विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर देश की संस्कृति के अहम पहलुओं से रुबरु कराया जा रहा है। देश की विभिन्न संस्कृतियों के संगम से कलाकार पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
कुरुक्षेत्र में महोत्सव के तहत ब्रह्मसरोवर के विभिन्न घाटों पर पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के कलाकारों ने अपना मंच जमाया है। राजस्थान से इस ग्रुप के कलाकार विशेष तौर पर कच्ची घोड़ी लोक नृत्य को लेकर आए इन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर सभी पर्यटकों को आकर्षित करते हुए परंपरागत वेशभूषा और हाथों में राजस्थानी परम्परा के अनुसार चूड़ा पहन कर जबरदस्त प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति के बाद इस उत्सव में अन्य राज्यों के कलाकारों ने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी।
हिमाचली लोक कला
हिमाचल के लोक कलाकारों ने सिरमौरी नाटी नृत्य के माध्यम से पर्यटकों का खूब मनोरंजन किया और हिमाचल का ग्रामीण जीवन स्तर भी दर्शाने का प्रयास किया। एनजेडसीसी के अधिकारी महिन्द्र ने बताया कि विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपनी प्रस्तुती दे रहे है, यह कलाकार 6 दिसंबर तक अपनी प्रस्तुति देंगे। ये कलाकार इस महोत्सव में सालों से लोगों का मनोरंजन करने का काम कर रहे हैं। विभाग का प्रयास रहता है कि हर वर्ष कुछ न कुछ नया किया जाए ताकि दर्शक सरस और शिल्प मेले के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी खूब आनंद ले सकें। इस वर्ष विभिन्न प्रदेशों से कलाकार एनजेडसीसी की तरफ से बुलाए गए हैं ।