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हरियाणा में ग्रामीण परिवारों पानी के बकाया 374.28 करोड़ माफ

सरचार्ज और ब्याज समेत बकाया माफ कर मनोहर सरकार दी बड़ी राहत

मंत्रिमंडल की बैठक में लगाई गई कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर
LP Live, Chandigarh: हरियाणा सरकार ने राज्य में सामान्य श्रेणियों और अनुसूचित जाति के करोड़ों रुपये के पेयजल उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। मसलन मनोहर सरकार ने ग्रामीण परिवारों का सरचार्ज और ब्याज सहित बकाया पीने के पानी के 374.28 करोड़ रुपए की राशि को माफ कर दिया है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महेंद्रगढ़ जिले के अटेली मंडी में जनसंवाद के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों का बकाया पेयजल शुल्क माफ करने की घोषणा को लागू कर दिया है। कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों के सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2022 तक जमा 336.35 करोड़ रुपए की पेयजल शुल्क माफी को मंजूरी दे दी है। इसमें सामान्य वर्ग के साथ-साथ अनुसूचित जाति वर्ग भी शामिल है। इसके अलावा कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल 2015 से 31 दिसंबर 2023 तक जमा हुए पेयजल शुल्क पर कुल 37.93 करोड़ रुपये का सरचार्ज और ब्याज माफ करने को भी मंजूरी दी। यह निर्णय ग्रामीण परिवारों पर वित्तीय भार को कम करने, आवश्यक संसाधनों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस छूट से हरियाणा में बड़ी संख्या में लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से सूबे के ग्रामीण परिवारों के 28.87 लाख पानी के कनेक्शन धारकों को बड़ी राहत मिली है।

चौकीदारों को भी दी सौगात
मनोहर लाल मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा चौकीदार नियम, 2013 में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी गई है। इस मंजूरी के तहत ग्रामीण चौकीदारों को सेवानिवृत्ति के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपए की राशि एकमुश्त वित्तीय सहायता के रुप में दी जाएगी। इन नियमों को हरियाणा चौंकीदार संशोधन नियम, 2024 कहा जाएगा। संशोधन के अनुसार हरियाणा चौंकीदार नियम, 2013 के नियम-12 के तहत एक नया उप-नियम (2क) जोड़ा गया है, ताकि प्रत्येक ग्रामीण को सेवानिवृत्ति के बाद 2 लाख रुपए की एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जा सकेगी। राज्य सरकार ने ग्रामीण चौकीदारों का मासिक मानदेय 7,000 रुपए से बढ़ाकर 11,000 रुपए प्रति माह करने, वर्दी भत्ता 2500 रुपए प्रति वर्ष से बढ़ाकर 4,000 रुपए प्रति वर्ष करने तथा साइकिल भत्ता हर 5 साल में 3500 रुपए करने का फैसला किया है। बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण फैसलों पर भी मुहर लगाई गई है।

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