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सीएम योगी के आदेश: परिषदीय विद्यालयों में फुल पैंट-शर्ट पहनकर आएंगे छात्र

संचारी रोगों से बचाव के लिए छात्रों को जागरूक करने पर बल

संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग निभाए सक्रिय भूमिका
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्कूली बच्चों को संचारी रोगों से बचाव के लिए निर्देश दिए हैं कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को फुल पैंट शर्ट में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए जागरुकता के लिए प्रत्येक विद्यालय में एक नोडल अध्यापक नियुक्त करने को भी कहा गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश दिये हैं कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को विद्यालय फुल पैंट शर्ट पहनकर आने के लिए प्रोत्साहना देना सुनिश्चित किया जाए, जिससे कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, मलेरिया इत्यादि से बचा जा सके। वहीं यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि विद्यालय में अत्यधिक संख्या में छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो तत्काल पीएचसी को सूचित करते हुए डॉक्टर से चिकित्सीय परीक्षण एवं समुचित उपचार सुनिश्चित कराया जाए। निर्देश के अनुसार तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाने को कहा गया है। विद्यालय प्रांगण में पानी का जमाव न होने दिया जाए और मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए। वहीं नोडल अध्यापक के माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए। परिषदीय स्कूलों व निजी स्कूलों में संचारी रोगों के प्रति जागरूकता को लेकर गतिविधियां आयोजित कराने पर भी बल दिया गया है।

विद्यालय और आसपास न हो जलभराव
पत्र में संचारी रोग खासकर मलेरिया, डेंगू इत्यादि के नियंत्रण व रोकथाम के लिए आवश्यक है कि परिषदीय विद्यालयों के प्रांगण के साथ-साथ उसके आसपास की जगहों पर साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था की जाए। चूंकि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां जलभराव के कारण होती हैं, इसलिए विद्यालय प्रांगण व आसपास कहीं भी जलभराव न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। विद्यालय में गमलों, टायरों, बोलतों आदि में लगाए गए पौधों में भी पानी जमा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। स्थानीय निकाय के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर विद्यालय में मच्छरों से संबंधित फागिंग कराई जाए।

प्रत्येक स्कूल में हो नोडल अध्यापक
प्रत्येक स्कूल में एक स्वास्थ्य नोडल अध्यापक तैनात किया जाए जो विद्यार्थियों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया इत्यादि से बचाव के लिए जागरूक करे। स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए। साथ ही विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ें और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजें। आनलाइन मीटिंग के माध्यम से भी उन्हें सतर्क करें।

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