रुपया कमजोर नहीं हुआ, डॉलर मजबूत हुआ: आर्थिक सर्वे
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र में पेश किये गये आर्थिक सर्वे में देश की आर्थिक विकास गति बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के मुताबिक 2023-24 में जीडीपी यानी विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। सर्वे में यह भी कहा गया कि रुपया कमजोर नहीं, बल्कि अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है।
संसद के दोनों सदनों में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गये आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में कहा गया है कि सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के अनुसार पर्चेजिंग पावर पैरिटी के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। सर्वे में भारत का सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी अनुमान, महंगाई दर अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे की जानकारी शामिल होती हैं। सर्वे के मुताबिक जहां में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के 6.5 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं नॉमिनल जीडीपी का अनुमान 11 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। जहबकि वित्तवर्ष 2023 के लिए वास्तविक जीडीपी दर सात प्रतिशत है। है।
बेरोजगारी कम हुई
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि जुलाई सितंबर 2019 में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2 प्रतिशत रही। जबकि 2022 में कृषि में निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी पिछले 12 साल में सबसे अधिक रही है। इसी प्रकार जहां शिक्षा पर खर्च बढ़ा है, वहीं स्वास्थ्य पर खर्च लगभग दोगुना हो गया है।
ईवी इंडस्ट्री से मिलेगे 5 करोड़ रोजगार
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की ग्रीन एनर्जी की ओर ट्रांजीशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। डोमेस्टिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट 2022 और 2030 के बीच 49 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है। ईवी इंडस्ट्री 5 करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब क्रिएट करेगा।
दायरे से बाहर रही महंगाई
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में रिटेल महंगाई 6.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई है। साल 2022 के पहले 10 महीनों में रिटेल महंगाई आरबीआई के 2-6 प्रतिशत के दायरे के बाहर रही। सबसे ज्यादा 7.79 प्रतिशत महंगाई अप्रैल 2022 में दिखी। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 299 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।