यूपी में 28 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति का बना रिकॉर्ड
भीषण गर्मी में बिजली की मांग पूरा करने में जुटी योगी सरकार
प्रदेश में 35384 करोड़ रुपए से सुधारी विद्युत व्यवस्था
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़कर पिछले सभी रिकार्ड तोड़कर 27 हजार से ज्यादा पहुंच गई, लेकिन बिजली की मांग को जरुरत के अनुरूप पूरा करने के लिए योगी सरकार ने जिन कदमों को उठाया है, उसी का नतीजा है कि इस मांग के सापेक्ष 13 जून को 27611 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करके यूपी पावर कारपोरेशन ने यूपी में बिजली आपूर्ति के मामले में नया रिकार्ड बनाया है।
योगी सरकार ने भीषण गर्मी को देखते हुए प्रदेशभर में बिजली उत्पादन, आपूर्ति और खपत में संतुलन बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। प्रदेश में सभी सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है। इस बार प्रदेश में बिजली की आपूर्ति की मांग 28 हजार मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन इसके लिए प्रदेश में बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित करने की सभी तैयारियां पूरी हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज के अनुसार उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश कर रहा है। भारत सरकार की आरडीएसएस योजना प्रारम्भ हो चुकी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य प्रदेश के डिस्कामों को गुणवत्ता पूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति किया जाना एवं लाइन हानियां कम करना है। इसमें 35384 करोड़ रुपए प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के आधुनिकीकरण एवं बेहतरी के लिए खर्च किए जाएंगे।
तीन लाख से ज्यादा बदले ट्रांसफार्मर
आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत विद्युत व्यवस्था सुधार के तहत अभी तक 1137 किमी एबी केबिल डाली जा चुकी है। 223.93 किमी एलटी लाइनों को भूमिगत किया जा चुका है। उपभोक्ताओं के परिसर पर 30 किमी. आर्मर्ड सर्विस केबिल लगाए जाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समयावधि में बदलने का कार्य सुनिश्चित हो रहा है। एक अप्रैल 2022 से आज तक तीन लाख से ज्यादा (315283) क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को बदला गया है। साथ ही अति भारित परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है। बिजनेस प्लान के तहत 7092 परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
उद्योगों को मिली 24 घंटे बिजली
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने 22 जून तक प्लांड शटडाउन पर रोक लगाई थी और इसका असर भी मंगलवार को दिखना शुरू हो गया। स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल से भी ज्यादा 18 घण्टे 5 मिनट, पंचायतों को 21.30, तहसील 21.30, बुन्देलखण्ड 20, जिला, मण्डल, महानगर तथा उद्योगों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पूरे प्रदेश में कहीं भी इमरजेन्सी रोस्टरिंग नहीं की गई। वहीं, स्थानीय दोषों को भी कम से कम समय में ठीक करने के निर्देश दिए गए है। इसके लिए प्रदेश में पूर्व में ही तैयारी कर ली गई थी।