प्लेेटफार्म टिकट समेत रेलवे सेवाओं में जीएसटी दर में मिलेगी छूट
जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले
कई मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन अगली बैठक में होगा फैसला
LP Live, New Delhi: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। इनमें रेलवे प्लेट फार्म टिकट के जीएसटी में कटौती करने के अलावा अन्य सेवाओं पर भी जीएसटी में कटौती करने पर विचार किया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल की हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैठक के अधिकांश मुद्दों पर अगली बैठक में चर्चा होगी। शनिवार को हुई बैठक में खासतौर पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने फर्जी बिलों पर रोक लगाने के लिए पूरे भारत में बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण लागू करने का निर्णय लिया है, ताकि फर्जी बिलों के जरिए किए गए धोखाधड़ी वाले इनपुट टैक्स क्रेडिट दावों से निपटने में मदद मिलेगी। बैठक में सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालयों के लिए एक करोड़ रुपये, तथा उच्चतम न्यायालयों के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की गई है।
रेलवे सेवाएं जीएसटी के दायरे से बाहर
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय रेलवे द्वारा प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम की सुविधा, वेटिंग रूम जैसी सेवाओं को जीएसटी से छूट दी गई है। जिसके तहत प्लेट फार्म टिकट की दरों में कमी आ सकेगी। वहीं बैटरी चालित कार सेवाओं आदि को जीएसटी से छूट देने पर राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ सहहमति बनाई गई है। उन्होंने कहा कि परिषद ने शैक्षणिक संस्थानों के बाहर छात्रावास आवास के माध्यम से प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक की छूट दी है। उन्होंने कहा कि यह छात्रों या कामकाजी वर्ग के लिए है और छूट का लाभ केवल तभी उठाया जा सकता है, जब आप कम से कम 90 दिनों तक ठहरे हों। जीएसटी पंजीकरण की सुविधा के लिए, जीएसटी परिषद के अनुसार देश भर में नए पंजीकरण के लिए आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण अनिवार्य है। परिषद ने जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए मांग नोटिस पर ब्याज और दंड माफ करने का निर्णय लिया।
दूध पर 12 फीसद जीएसटी की सिफारिश
उन्होंने बताया कि परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है, जिसका मतलब है कि स्टील, लोहा, एल्युमीनियम जो किसी भी उपयोग में हो। यह लागू होने वाली दर होगी। उनका एक मानक आकार होता है, जिससे यह निर्धारित होगा कि दूध का डिब्बा क्या है और क्या नहीं। परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और केस पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। इससे हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के सेब उत्पादकों को विशेष रूप से मदद मिलेगी। वहीं वहीं परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और नालीदार और गैर-नालीदार कागज या पेपर बोर्ड दोनों के मामलों पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है।
जीएसटी कम करने की सिफारिश
वित्त मंत्री ने कहा कि परिषद ने यह भी स्पष्ट किया और सिफारिश की कि स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए कि फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जीएसटी परिषद ने दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए उर्वरकों पर जीएसटी कम करने का अनुरोध जीओएम को भेजा है। वर्तमान में, 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है और यह क्षेत्र लंबे समय से उर्वरकों पर जीएसटी से छूट की मांग कर रहा है।