व्यापारियों ने मानी जीएसटी अधिकारियों की बात, एक वर्ष में 4126 का पंजीकरण
नए वित्तवर्ष 2024-25 में विभाग ने वसूले 1057.56 करोड़ रुपए, पूरे वर्ष स्टेट जीएसटी विभाग को मिला था 2253.39 करोड़ का लक्ष्य


LP Live, Muzaffarnagar: वित्तवर्ष 2024-25 खत्म होने की और बढ़ रहा है। 31 मार्च तक वित्तवर्ष के रिकोर्ड और लक्ष्य को पूरा करने में सभी विभाग मेहनत से डटे हैं, लेकिन जनपद में होने वाले क्रय-विक्रय को लेकर स्टेट जीएसटी विभाग की वसूली लक्ष्य से बहुत कम है। वित्त वर्ष के फरवरी महीने तक स्टेट जीएसटी विभाग ने 1057.56 करोड़ रुपये की जीएसटी संग्रह किया है, जबकि लक्ष्य 2253.39 करोड़ रुपये है। हालांकि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 3.48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जनपद में छोटे-बड़े सभी व्यापारी और उद्यमियों को मिलाकर 50 हजार से ज्यादा की संख्या है। पंजीकृत व्यापारियों से जीएसटी जमा कराने, उन्हें जागरूक कर विभाग में पंजीकरण कराने की जिम्मेदारी जीएसटी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर है। स्टेट जीएसटी विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर से लेकर सीटीओ तक काम कर रहे हैं, जिसमें मुजफ्फरनगर और खतौली में व्यापारियों का विभाजन खंडवार किया गया है। वित्तवर्ष 2024-25 के लिए जनपद के व्यापारियों और उद्यमियों से जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 2253.39 करोड़ रुपए है, लेकिन फरवरी महीने में विभाग लक्ष्य के सापेक्ष 1057.56 करोड़ रुप ही वसूल कर पाया है, हालांकि फरवरी तक का लक्ष्य भी 2069.11 करोड़ रुपये बैठता है। विभागीय आंकड़े बताते हैं कि गतवर्ष के तुलना में जीएसटी संग्रह बढ़ाया गया है। वर्ष 2023-24 में जीएसटी विभाग ने 1021.96 करोड़ रुपये की जीएसटी संग्रह किया था।

इस वर्ष विभाग में 4125 नए व्यापारी हुए पंजीकृत
स्टेट जीएसटी विभाग ने अभियान चलाकर व्यापारियों का पंजीकरण किया। जागरूकता के कारण विभाग में इस वर्ष नए 4125 व्यापारियों का पंजीकरण हुआ। इसमें 2136 व्यापारी स्टेट जीएसटी व 1990 व्यापारी केंद्रीय जीएसटी विभाग में बढ़े हैं। जनपद में कुल पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 49496 है, जिसमें स्टेट जीएसटी विभाग में 28062 और केंद्रीय जीएसटी विभाग में 21434 व्यापारियों को पंजीकरण है।
क्या कहते है जीएसटी ज्वाइंट कमिश्नर
स्टेट जीएसटी विभाग में मुजफ्फरनगर की ज्वाइंट कमिश्नर सांत्वना गौतम ने बताया कि वसूली के लिए व्यापारियों का पंजीकरण बढ़ाया जा रहा है। सभी को जागरूक किया जाता है। एआई के माध्यम से ऐसे व्यापारी भी पकड़ में आते हैं, जो जीएसटी जमा नहीं करते, जिनसे जुर्माने के साथ जीएसटी जमा कराई जाती है। लक्ष्य के सापेक्ष फरवरी तक 1057.56 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। पिछले वर्ष से अधिक जीएसटी संग्रह जनपद में हुआ है। इसके साथ ही व्यापारियों को पंजीकरण भी विभाग में बढ़ा है।
