
लोकपथ लाइव, मुजफ्फरनगर। बीएसए कार्यालय के प्रधान सहायक अशोक मलिक ने अनुशासनहीनता का परिचय देते हुए बिना अनुमति बंद कमरे का ताला तोड़ दिया। इसकी जानकारी बीएसए को मिली तो उन्होंने उक्त लिपिक से स्पष्टीकरण मांग लिया, लेकिन लिपिक और बीएसए के बीच चल रही कागजी कार्रवाई ने विभाग के माहौल पर सवाल खड़े कर दिया है। डीसी के गायब होने के मामले में समिति के समक्ष प्रधान लिपिक के कमरे पर कई महीने पहले ताला लगाया गया था।


बीएसए कार्यालय में तैनात डीसी विकास त्यागी के गायब होने और फिर वापस आने के बाद प्रधान लिपिक अशोक मलिक सजिश चलने का आरोप लगा था, जिसके चलते सिविल लाइन पुलिस ने भी प्रधान लिपिक से इस मामले मे पूछताछ की थी। इस मामले में बीएसए संदीप कुमार ने प्रधान लिपिक अशोक मलिक का तबादला खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नगर में किया था, लेकिन उन्होंने नगर क्षेत्र कार्यालय में ज्वाइंन नही किया, जबकि इसी क्रम में शहर कार्यालय से निलेश पंवार को उनके स्थान पर बीएसए कार्यालय में भेजा था। अशोक मलिक के ज्वाइन नहीं करने था जवाब मांगने पर कोई उत्तर नहीं देने पर उनका वेतन भी रोका गया था। इस बीच वह बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी का पत्र लेकर कुछ दिन पूर्व बीएसए कार्यालय में पहुंच गए, जिसमें उन्होंने दावा किया कि बीएसए द्वारा उनका स्थानांतरण आदेश निरस्त कर दिया गया है। इसी आधार पर बीएसए को बिना विश्वास में लिए उन्होंने अपने कमरे का ताला तोड़कर वहां बैठना शुरू कर दिया, जबकि उस कमरे का ताला तीन बीईओ की गठित समिति के सामने लगाया गया था। बीएसए को ताला तोड़ने की सूचना मिली तो उन्होंने प्रधान लिपिक अशोक मलिक कार्यालय में अनुशासनहीनता करने पर स्प्ष्टीकरण मांग लिया है।

बीएसए का क्या कहना है
प्रधान लिपिक अशोक मलिक का स्थानांतरण नगर कार्यालय में किया था, जहां उन्होंने ज्वाइन तक नहीं किया। इस मामले में पहले ही उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। अब उन्होंने कार्यालय मे आकर कमरे का ताला तोड़कर अनुशासनहीनता को बढ़ावा दिया, जिसको लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। उच्च अधिकारियों द्वारा हमे उनके स्थानांतरण आदेश निरस्तीकरण की सूचना नहीं मिली है।
– संदीप कुमार, बीएसए मुजफ्फरनगर












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