विश्वभर में सनातन धर्म में है शांति की गारंटी: योगी आदित्यनाथ
रोहतक में बाबा मस्तनाथ मठ के कार्यक्रम में बोले सीएम योगी


सर संघचालक मोहन भागवत, स्वामी रामदेव समेत देशभर के संत भी शामिल
LP Live, Rohtak: सनातन धर्म विश्व में शांति की गारंटी है। एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति का बोध वाक्य ही सनातन धर्म का सत्य है। सभी मत, पंथ, उपसना विधि, संप्रदाय से जुड़े संतजन उसी सत्य की उपासना के लिए अपने आप को समर्पित किये हुए हैं। भारत की संत शक्ति हर चुनौती से जूझने का जज्बा रखती है और कभी पलायन का रास्ता नहीं अपनाती।
यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को हरियाणा के रोहतक स्थित श्रीबाबा मस्तनाथ मठ में ब्रह्मलीन महंत चांदनाथ योगी जी की स्मृति में शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बोलते हुए कही। योगी ने कहा कि गांव गांव में जनजागरण कर रहे हमारे संतगण आज एक भारत श्रेष्ठ भारत के संकल्प को ही सिद्ध कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, योगगुरु स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद महाराज और बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालकनाथ सहित देशभर से आए हजारों की संख्या में संतों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय भारत की सनातन परंपरा का वाहक है। सनातन धर्म एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति के बोध वाक्य का सत्य है। उस सत्य तक पहुंचने के लिए हमारे पंथ, उपसना विधि, संप्रदाय, मत अपने आप को समर्पित किये हुए हैं। रास्ते अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक है और ये मंजिल है सत्य सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के कार्य को एकजुट होकर पूरी मजबूती के साथ स्थापित करना। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी सभी प्रकार के मौलिक अधिकारों के साथ जी रही है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक आज भी भारत पूरी मजबूती के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है, तो उसके पीछे गांव गांव में जनजागरण कर रहे हमारे पूज्य संतजन हैं, जो अपने ईष्ट की अराधना के साथ ही सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं।

सनातन है सर्वत्र, हमेशा बना रहेगा: मोहन भागवत
शंखढाल व मूर्ति स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सनातन सर्वत्र है, जो आत्मा के रूप में शरीर में निवास करता है। सनातन हमेशा बना रहेगा। संस्कृति व धर्म सनातन पर आधारित है। सनातन में सभी मतों व संप्रदायों का समावेश है। हमारे लिए देश, धर्म व संस्कृति ही सर्वोपरि है। मनुष्य को सत्य, पवित्रता, सामूहिक पुरुषार्थ व समर्पण को अपने आचरण में शामिल करने का संकल्प लेना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि सनातन धर्म ही हिन्दू राष्ट्र है। संस्कृति व धर्म सनातन पर ही आधारित है। सनातन धर्म की प्रकृति के अनुसार सभी स्वयं को सृष्टि के पुत्र मानते है तथा मातृ भूमि को माता का दर्जा दिया जाता है। भारत में अनेकता में एकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। सनातन के आधार पर ही यह विश्व संचालित हो रहा है।
योग परम्परा नाथ संप्रदाय की देन: स्वामी रामदेव
योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि योग परम्परा नाथ संप्रदाय की ही देन है। नाथ संप्रदाय ने सभी जातियों व सभी संस्कृतियों का समावेश है। नाथ संप्रदाय के पास अनेक सिद्घियां है। उन्होंने कहा कि श्री बाबा मस्तनाथ मठ गुरु-शिष्य परम्परा का प्रतिरूप है। उन्होंने इस मठ को सनातन का गौरवकाल बताया। उन्होंने कहा कि श्रीबाबा मस्तनाथ मठ में अनेक महंतों ने कठिन तपस्या की है। मठ में शिक्षा व सनातन के प्रचार के लिए अनेक संस्थान स्थापित है। इस मठ द्वारा निरंतर लोक कल्याण के कार्य किये जा रहे है। उन्होंने उपस्थितगण का आह्वान किया कि वे स्वस्थ जीवन व दीर्घायु के लिए अपने जीवन में योग व प्राणायाम को शामिल करें। योग व प्राणायाम के नियमित अभ्यास से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते है। उन्होंने कहा कि योग पद्धति ऋषि-मुनियों ने हमें दी है। भारत ने विश्व को योग दिया है।
बाबा बालकनाथ का चादराभिषेक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं नाथ संप्रदाय के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ, योग गुरु बाबा रामदेव ने नाथ संप्रदाय की परम्परा के अनुसार महंत बाबा बालकनाथ का चादराभिषेक किया। इससे पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व अन्य विशिष्ट अतिथियों ने मठ में स्थित नवनिर्मित मंदिर परिसर में स्थापित की गई दिव्य समाधियों के दर्शन किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महंत बालकनाथ योगी ने कार्यक्रम के मुख्यातिथि व अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत, स्वामी रामदेव, चिन्ना जियर स्वामी, स्वामी चिदानंद महाराज, स्वामी निर्मलानंद जी महाराज, स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, बाबा बालकनाथ जी महाराज, हरिचेतनानंद जी महाराज, ब्रह्मदेव जी महाराज, डॉ चिन्मय पांड्या, आचार्य लोकेश मुनि, नाथ संप्रदाय के नरहरिनाथ, महंत शेरनाथ, केंद्रीय मंत्री डॉ वीके सिंह, रामलाल सहित बड़ी संख्या में योगेश्वरगण और षड्दर्शन से जुड़े संतजन मौजूद रहे।
