GDA का सुपरवाइजर रिश्वत लेते गिरफ्तार, फरार जेई की तलाश


LP Live, Ghaziabad: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का सुपरवाइजर बिना नक्शा पास कराए ऑफिस बनाने की अनुमति देने के मामले में दो लाख रुपये की रिश्ववत के साथ गिरफ्तार हो गया। मेरठ की एंटी करप्शन टीम ने दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए सुपरवाइजर को रंगे हाथ पकड़ा है। उधर, क्षेत्र का जेई टीम को दूर से देकर भागने में कामयाब रहा। सुपरवाइजर ने टीम को जेई द्वारा रिश्वत मंगाने की जानकारी दी है। पुलिस आरोपित जेई की तलाश कर रही है। यह कार्रवाई मुरादनगर के रावली मार्ग स्थित चुंगी नंबर तीन के पास की गई।

गाजियाबाद के सुराना गांव निवासी सुरेंद्र कुमार यादव ने एंटी करप्शन विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी। सुरेंद्र ने बताया कि रावली रोड पर उनके 100 गज के प्लॉट पर निर्माण कार्य चल रहा था, जिसे 28 मई को जीडीए के जूनियर इंजीनियर अजीत कुमार और सुपरवाइजर राजकुमार ने रोक दिया। काम जारी रखने के लिए दोनों अधिकारियों ने पांच लाख रुपये मांगे थे। शिकायत के बाद मेरठ के एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया। सुरेंद्र यादव ने आरोपियों से बातचीत करते हुए दो लाख रुपये नकद देने की योजना बनाई। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे सुपरवाइजर राजकुमार ने कैमिकल लगे नोटों की गड्डी अपने हाथ में ली। इसके तुरंत बाद उसे मौके पर ही एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दूर खड़ा जेई अजीत कुमार मौके से फरार हो गया। इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार, मयंक अरोड़ा और अर्चना सिंह की टीम ने उसका पीछा किया, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। गिरफ्तारी के बाद रिश्वत की राशि को सील कर दी गई है। मुरादनगर थाने में मामला दर्ज किया गया है। फरार जेई की तलाश चल रही है। जीडीए के वीसी ने बताया कि जेई को सस्पेंड कर दिया गया है। विभागीय जांच कराने के बाद जेई के खिलाफ कार्रवाई को शासन को पत्र लिखा जाएगा।
