नवरात्रों में शुरु हो सकता है रेपिड रेल का संचालन


LP Live, Ghaziabad: देश में परिवहन के क्षेत्र को सुगम बनाने की दिशा में सरकार की चलाई जा रही विभिन्न रेल परिवहन की परियोजनाओं में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर तैयार हो चुका है, जिसका कई बार ट्रायल भी किया गया। उम्मीद है कि इस रेपिड रेल के पहले चरण को नवरात्रों में जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। वहीं खास बात ये भी है कि रेपिड रेल जैसी हाई स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन के लिए नियुक्त कर्मचारियों में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या है, जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका सामने आएगी।
पहले चरण में पांच स्टेशन
देश में परिवहन के क्षेत्र को सुगम बनाने की दिशा में सरकार की चलाई जा रही विभिन्न रेल परिवहन की परियोजनाओं में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर तैयार हो चुका है, जिसका कई बार ट्रायल भी किया गया। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिक खंड में परिचालन जल्द शुरु करने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और संभवत: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवरात्रों के दौरान पहले चरण के इस कॉरिडोर पर रेपिड रेल के संचालन का शुभारंभ करेंगे। इस खंड मंक 5 स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो। आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है, जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर इसकी सम्पूर्ण लंबाई को तय करने के लिए परिचालन के लिए खोला जा रहा है।

कर्मचारियों का प्रशिक्षण
प्राथमिक खंड में रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है। इसके अलावा स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट आदि के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। शहरी परिवहन प्रणाली से परिचित कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पहले इन संचालकों को तीन महीने के लिए क्लासरूम स्टडीज़ के साथ-साथ सिमुलेटर पर ट्रेन चलाने और ट्रेन की गति पर नियंत्रण करने समेत अन्य ज़रूरी प्रशिक्षण दिए गए। बताया जा रहा है कि इस प्रशिक्षण में उन्हें आरआरटीएस प्रणाली में विश्व में पहली बार प्रयोग की जा रही ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नलिंग प्रणाली, इसके रोलिंग स्टॉक, ट्रेन कंट्रोल सिस्टम आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया। रैपिडएक्स ट्रेनों की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है, इन महिला संचालकों के लिए इतनी तेज़ रफ्तार पर ट्रेन चलाना बहुत रोमांचक है। ट्रेन का संचालन एक बहुत ही एकाग्रता, संयम एवं ज़िम्मेदारी का कार्य है।
