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दीपावली के बाद बढ़ा प्रदूषण, मेरठ, मुजफ्फरनगर सहित अन्य जिलों की स्थिति देखे…

LP Live, Muzaffarnagar: दीपावली की रोशनी के साथ ही आसमान में आतिशबाजी का धुआं भी प्रदूषण के साथ घुल गया है। त्यौहार के बाद मुजफ्फरनगर की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बदलाव दर्ज किया है, लेकिन स्थिति खबरा श्रेणी में ही घूम रही है। जिले के लिए राहत की बात है कि पड़ोसी जिलों की तुलना में मुजफ्फरनगर की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर रही। पिछले वर्ष दीपावली के बाद एक्यूआई 300 से अधिक पहुंच गया था, लेकिन जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कसरत बढ़ाई थी।

 

मुजफ्फरनगर में पेपर मिले, रोलिंग मिल सहित अन्य औद्योगिक इकाईयों की संख्या कई जिलों अधिक है, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ने का खतरा बढ़ा रहता है। दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप नियम लागू होने के साथ ही मुजफ्फरनगर में भी इससे लागू किया गया, लेकिन दीपावली से दो दिन पहले और दीपावली की अतिशबाजी के बाद भी जिले ग्रेप-2 की स्थिति में ही दर्ज किया गया, यानी खराब श्रेणी में रहा। खराब श्रेणी में होने के कारण केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी व इंजीनियरों को पराली, कचरा आदि अपशिष्ट जलाए जाने पर ही निगरानी रखनी है। हालांकि अभी जिले खतरे से बाहर नहीं है, जैसे-जैसे हवा बढेगी, तो एक्यूआई बढ़ने की संभावना बनी हुई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मंगलवार की शाम जारी हुआ एक्यूआई बुलेटिन के हिसाब से मुजफ्फरनगर में 210 एक्यूआई दर्ज हुआ, जबकि पड़ौसी जिलों में सहारनपुर को छोड़कर अन्य जिलों का एक्यूआई इससे अधिक रहा। सहारनपुर में औद्योगिक इकाइयों की संख्या जिले से कम होना वहां के लिए राहत रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली पर बड़े पैमाने पर पटाखों के फोड़े जाने से पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा तेजी से बढ़ जाती है। साथ ही इस समय तापमान में गिरावट और हवा की कम गति के कारण प्रदूषण कण जमीन के करीब ही ठहर जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आती है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गीतेश चंद्रा ने बताया कि जिले में प्रदूषण खराब श्रेणी में दर्ज हुआ है। कम प्रदूषण के पीछे लगातार औद्योगिक इकाइयों में हुआ पानी का छिड़काव है, जिसके लिए प्रदूषण बोर्ड, नगरपालिका सहित इकाइयों के पानी टेंकर लगाए गए थे।

प्रशासन और प्रदूषण बोर्ड ने सख्ती से कराया छिड़काव
मुजफ्फरनगर में पिछले कई वर्षों की तुलना में दीपावली के बाद प्रदूषण खराब श्रेणी से उपर नही जाने के पीछे प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी सख्ती है, जिसमें जिले के पेपर मिल, रोलिंग मिल, नगर पालिका प्रशासन का भी सहयोग रहा, दीपावली के दिन सुबह से ही भोपा रोड, बेगराजपुर, रुड़की रोड आदि स्थानों पर संचालित इकाइयों के बाहर छिड़काव किया गया, जिससे प्रदूषण के कणों को दबाया गया।

जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक
– मुजफ्फरनगर – 210
– मेरठ – 280
– बागपत – 267
– बुलंदशहर – 225
– हापुड़ – 314
– शामली- 306
– सहारनपुर-169
नोट- आंकड़े एयर क्वालिटी इंडेक्स बुलेटिन से लिए गए हैं।

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