पीएम ने राज्यसभा में उठाया मुजफ्फरनगर का नसबंदी कांड
नसबंदी कांड को लेकर प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी को सदन में घेरा। कहा, 48 साल बीतने के बाद भी नहीं मिला अल्पसंख्यकों को न्याय
LP Live, New Delhi/ Muzaffarnagar:
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल को लेकर राज्यसभा में विपक्ष को घेरा। विपक्ष को घेरते हुए पीएम ने जिला मुजफ्फरनगर का जिक्र किया। उन्होंने सदन में कहा कि आपातकाल का काला अध्याय शहर के खालापार में लिखा गया था। करीब 48 वर्ष पहले नसबंदी का विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने सीधी फायरिंग कर थी, जिसमें कई लोगों की मौत हुई थी। उन मृतकों की याद में शहीद चौक की स्थापना की गई, हालांकि घटना के 48 साल बीतने के बाद भी अभी तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। प्रधानमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर जवाबी हमला बोला, मुजफ्फरनगर में हुए नसबंदी कांड का हवाला देते प्रधानमंत्री ने अल्पसंख्यकों की पीड़ा राज्यसभा सदन में बयां की है।
कैंप लगाकर कराई थी नसबंदी
25 जून 1975 को तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की संस्तुति पर राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की थी। आपातकाल के दौरान देश एक ओर राजनैतिक संकट से जूझ रहा था, उधर नसबंदी अभियान के विरोध में लोगों के दिलों में गुस्सा था। सरकारी विभागों ने सोल्जर्स बोर्ड और जिला अस्पताल में कैंप लगा रखे थे। बुजुर्ग और जवानों को जबरदस्ती पकड़कर नसबंदी के लिए कैंप में लाया जा रहा था, जिसके विरोध में 18 अक्टूबर 1976 को लोगों में आक्रोश फैल गया।
मुजफ्फरनगर में लगा रहा था कर्फ्यू
मुजफ्फरनगर शहर के खालापार में नसबंदी के खिलाफ एकजुट नागरिकों ने हंगामा किया तो उन पर फायरिंग कर दी गई। क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की गोली लगने से 42 लोग मारे गए। दर्जनों घायल हुए थे। हंगामा कर रहे सैकड़ों लोगों को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया। तीन दिन तक शहर में कर्फ्यू जारी रहा था, जिसके बाद शासन ने तत्कालीन डीएम का स्थानांतरण कर योगेन्द्र नारायण माथुर को जिले की कमान सौंपी थी।
बदल गई थी सरकार
गोलीकांड के बाद ही देश की सरकार बदल गई थी। 1976 में हुए लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर सीट से सईद मुर्तजा विजयी हुए थे। आम चुनाव के बाद केंद्र में सरकार भी बदल गई थी। यह हाल नसबंदी कांड के बाद हुआ था, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में उठाया।