
लोकपथ लाइव, मुजफ्फरनगर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग इस बार नसंबदी अभियान को गंभीरता से ले रहा है। पुरूष नसबंदी पखवाड़ा शुरू हो गया है, जिसके लिए सभी चिकित्सा केंद्रों पर तैनात चिकित्सकों को टारगेट दे दिए गए हैं। शहर की छह पीएचसी को पांच-पांच नसबंदी करने के टारगेट दिए है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की पीएचसी पर तैनात चिकित्सकों को 10-10 केस करने होंगे।
परिवार नियोजन की दशा में पुरूष नसबंदी पखवाड़ा 21 नवम्बर से शुरू हो गया है, जो चार दिसंबर तक चलेगा। इस बाद पुरूष नसबंदी अभियान को सफल बनाने में पीएचसी के चिकित्सकों को भी अहम रोल रहेगा। जिले में 42 के करीब पीएचसी है, जिसमें से छह पीएचसी शहर में है। इसके साथ ही खतौली और बुढ़ाना भी अर्बन पीएचसी में शामिल है। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डा. दिव्या वर्मा ने बताया कि अर्बन पीएचसी में शहर की ब्रह्मपुरी, खालापार, रामपुरी, सुभाषनगर, गौशाला और कृष्णापुरी में शामिल है। इसके साथ ही खतौली और बुढ़ाना भी अर्बन पीएचसी में शामिल है। इन सभी पर तैनात चिकित्सकों को पांच-पांच पुरूष नसबंदी कराने के लिए टारगेट दिए गए हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की अन्य पीएचसी को 10-10 पुरूष नसबंदी के टारगेट दिए गए है। टारगेट को पूरा करने के लिए पीएचसी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं और पुरूषों को नसबंदी अभियान के प्रति जागरूक कर रहे हैं। इस नसबंदी करने पर मिलने वाले आर्थिक लाभ की भी जानकारी उन्हें दी जा रही है।


सीएमओ डा.सुनील कुमार तेवतिया ने बताया कि पुरूष नसबंदी पखवाड़ा शुरू हो गया है। नसबंदी के लिए जिले की टीम मिलकर कार्य करेगी। सभी पीएचसी प्रभारियों को टारगेट दिया है। गत वर्ष भी हमने टारगेट से अधिक नसबंदी की थी। इसमें सबसे पहले पुरूषों पर नसबंदी के लाभ बताए जा रहे हैं, ताकि परिवार नियोजन के लिए वह स्वयं आगे आए।
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