पेरिस पैराओलंपिक: प्रीति पाल के गांव हाशमपुर में जश्न का माहौल, डेयरी चलाते हैं पिता
LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के रामराज क्षेत्र के गांव हाशमपुर में शनिवार को दिनभर जश्न का माहौल रहा। पेरिस पैराओलंपिक में प्रीति पाल ने कास्य पदक जीतकर भारत के साथ अपने गांव में भी भारत के तीसरे मेडल प्राप्त करने की खुशी की किरण फैला दी। परिवार के साथ पूरा गांव प्रीति पाल के हौंसले का सलाम कर रहे हैं।
रामराज के गांव हाशमपुर निवासी अनिल पाल की पुत्री प्रीति पाल ने पेरिस में चल रहे पैरालंपिक खेलो में 100 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीत लिया। प्रीति पाल ने 100 मीटर की दौड़ को मात्र 14.21 सेकंड में पूरा कर कांस्य पदक अपने नाम किया। प्रीति पाल के कांस्य पदक जीतने के साथ ही भारत की झोली में यह तीसरा पदक आ गया। उनके पिता ने बताया कि प्रीति पहली बार पैरालंपिक खेलो में प्रतिभाग कर रही थी। पैरालंपिक में पहली ही बार में पदक जीतने से प्रीति की भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रीति इससे पूर्व कई अन्य प्रतियोगिताओं में पदक हासिल कर चुकी है। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली प्रीति के पदक जीतने पर क्षेत्र में खुशी की लहर है। प्रीति के पिता अनिल पाल अपने परिवार के साथ एक सामान्य जीवन यापन कर रहे है तथा गांव में दूध की एक डेरी चलाते है। प्रीति ने अपनी जीत का श्रेय अपने माता पिता तथा अपने कोच को दिया। शनिवार को उनके परिवार और गांव में खुशी का जश्न रहा। एक-दूसरे का मिठाई खिलाई गई।