मुजफ्फरनगर में UCC का विरोध, मस्जिद पर लगा QR Code
केंद्र सरकार समान नागरिकता कानून (यूसीसी) को लाने की तैयारी में है। विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, तो जमीयत उलमा ए हिंद ने नए तरीके से मुहिम छेड़ी है। उसके तहत मस्जिदों के बाहर क्यूआर कोड लगाए गए हैं। क्यूआर कोड स्कैन कर विधि आयोग के चेयरमैन को 14 बिंदुओं पर ईमेल भिजवाई जा रही हैं, जिसमें बिन्दुवार UCC का विरोध किया गया है।


LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के रहमतनगर फव्वारा चौक के पास स्थित मस्जिद के गेट के बराबर में दीवार पर चस्पा क्यूआर कोड को मुस्लिम समाज के लोग मोबाइल से स्कैन कर रहे हैं। क्यूआर कोड स्कैन करते ही विधि आयोग चेयरमैन को संबोधित ज्ञापन खुल रहा है, जिसमें 14 बिंदु शामिल है। उसमें UCC को गलत ठहराया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश सचिव कारी जाकिर हुसैन ने बताया कि यह क्यूआर कोड जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जारी किया है। इसके माध्यम से समाज के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मस्जिद और मदरसों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं। वह इसलिए जो कानून केंद्र सरकार लाने जा रही है, उसको हम खारिज करते हैं, क्योंकि यह कानून भारत के संविधान के खिलाफ और देश की एकता और अखंडता को तोड़ने वाला है। हर देश में अलग-अलग धर्म और समाज के लोग रहते हैं। सबकी अपनी परंपरा है। इसलिए कोई भी कानून जबरन तरीके से किसी पर थोपा नहीं जा सकता। यह कानून देश हित में नहीं है और सीधे तौर पर शरीयत से छेड़छाड़ है। कहा कि इससे आदिवासियों का कानून और एससी-एसटी एक्ट भी प्रभावित होगा। आरोप लगाया कि समान नागरिक संहिता बनने से दलितों का आरक्षण खत्म हो जाएगा।
कहा कि जमीयत राष्ट्रीय हित में इस कानून का विरोध कर रही है और करती रहेगी। क्यूआर कोड को स्कैन करने वाले मुस्लिम लोगों का कहना है कि यह कानून न सिर्फ धर्म के खिलाफ है, बल्कि शरीयत के खिलाफ भी है। किसी संगठन या उलेमा ने सिर्फ यही कहा है कि केंद्र सरकार जो नया कानून बनाने जा रही है, उस पर अपनी राय विधि आयोग के चेयरमैन को ई-मेल के माध्यम से भेजें।

खुफिया विभाग ने भेजी रिपोर्ट: खुफिया विभाग ने इसकी रिपोर्ट पुलिस-प्रशासन को भेज दी है, जिसमें बताया है कि जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोग क्यूआर कोड स्कैन कर अपनी राय भेज रहे हैं। उक्त क्यू आर कोड को स्कैन भी किया गया है।
