सेवानिवृत्ति पर प्रधानाचार्य विजय शर्मा ने जीवन को बताया एक सीख


LP Live, Muzaffarnagar: नई मंडी (पटेलनगर) दीप चंद्र ग्रैन चैम्बर इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विजय शर्मा 31 मार्च 2025 को अपनी सेवा से निवृत्त हुए। उन्होंने कई पंक्तियों ने जीवन का सार लिखा।
विजय शर्मा को सेवानिवृत्ति के समय वैदिक पुत्री कन्या पाठशाला की प्रधानाचार्य राजेश कुमारी, एसडी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य सोहन पाल सिंह सहित विद्यालय के शिक्षक विदाई देने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा सुकवि डॉ. उर्मिलेश शंखधार की दो पंक्तियां पढ़ी, सफर कितना भी मुश्किल हो, वह फिर मुश्किल नहीं होगा, तू थोड़े हौंसले बस दाएं बाएं साथ रख लेना।
विजय शर्मा ने कहा कि शिक्षा दीक्षा के पश्चात कल 31 मार्च 2025 को मेरे सेवा दायित्व का दूसरा सोपान पूर्ण हो गया। जीवन के आरंभिक पलों से लेकर आज तक की यात्रा में असंख्य लोग मिले। जीवन के अच्छे बुरे सभी अनुभव हुए। मैं समझता हूं कि जीवन और एक सफल जीवन यात्रा के लिए यह एक अनिवार्यता भी होती है अन्यथा जीवन नीरस ही हो जाए। जो अच्छा और उपयोगी मिला उसे स्वीकार किया और जो विरोधाभास भरा रहा उसको भी प्रभु के प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।
सेवानिवृत्ति के महत्वपूर्ण आयाम पर मुझे ऐसी कई चेहरे याद आते हैं जिन्होंने मेरे जीवन चरित्र को हर पल सजाया – संवारा है । उन सब के प्रति मैं विनम्रता पूर्वक कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं। इसी साथ कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिन्हें किसी मोड़ पर मुझसे असहमति रही हो, लेकिन यह सब तात्कालिक है शाश्वत नहीं। यह सब मुझे अपने दायित्वबोध की अपरिहर्यता के कारण करना पड़ा। किंतु इन सबके बीच मैंने उसे अपनी सीख और अनुभव का एक हिस्सा बनाया। सच्चाई यहीं है कि जीना इसी का नाम है।
सेवानिवृत्ति के इन क्षणों में मैंं अपने अग्रजों, शुभचिंतकों आत्मीयजनों के साथ-साथ अपने कॉलेज परिवार, प्रबंधतंत्र, शिक्षकवृंद और प्यारे छात्र छात्राओं की प्रति आत्मीय आभार व्यक्त करता हूं। की ये दो पंक्तियां याद आती हैं जो किसी भी व्यक्ति की जीवन को सरल बनाने के लिए उपयोगी और रामबाण औषधि हो सकती हैं।
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