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पर्यावरण दिवस के साथ मना मुख्यमंत्री योगी का जन्मदिन

योगी ने जन्मदिन पर रुद्राभिषक और पर्यावरण दिवस पर किया पौधारोपण

LP Live, Lucknow: पर्यावरण दिवस के साथ संयोग से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 51वां जन्मरदिन भी है। उन्होंने जन्मदिन के मौके पर जहां गोरक्षपीठाधीश्वर के रुप में सोमवार सुबह रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से लोकमंगल की प्रार्थना की। वहीं उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर गोरखनाथ मन्दिर परिसर स्थित महायोगी गुरु गोरखनाथ गो सेवा केन्द्र में हरिशंकरी, बरगद, पीपल, पाकड़ का पौधरोपण किया।

पर्यावरण दिवस पर पांच जून को संयोग से योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन भी होता है। सोमवार को वे पर्यावरण दिवस के मौके पर गोरखपुर में थे, जहां गोरखनाथ मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में सीएम योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प आदि अर्पित करने कर बाद रुद्राभिषेक किया। मठ के मुख्य पुरोहित आचार्य रामानुज त्रिपाठी और दूसरे पुरोहितगणों ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया। रुद्राभिषेक के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती की। विधि विधान से पूर्ण हुए अनुष्ठान के उपरांत उन्होंने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की।

अखिलेश व मायावती ने दी बधाई
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट करके योगी आदित्यंनाथ को हैपी बर्थडे कहकर बधाई दी। वहीं बसपा सुप्रीमो व पूर्व सीएम मायावती ने अपने ट्वीट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी तथा उनके स्वस्थ्य व दीर्घायु जीवन की कामना की। अन्य

जन्म और पर्यावरण से योगी का सरोकार
पहले से घोषित किसी खास दिन पर्यावरण दिवस पर योगी का जन्मदिन भी एक संयोग है। नाथपंथ के मुख्यालय माने जाने वाले गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी एक ऐसा ही संयोग जुड़ा है। 5 जून को जिस दिन पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, उसी दिन योगी का जन्मदिन भी पड़ता है। जन्मदिन, विश्व पर्यावरण दिवस और जन, जंगल एवं जल संरक्षण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता इस अवसर को खास बना देती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग पौधरोपण से जुड़ें। यह जन आंदोलन बने। नवग्रह वाटिका, नक्षत्र वटिका, पंचवटी, गंगावन, अमृतवन जैसी योजनाओं के पीछे भी यही मकसद है। योगी की मॉनिटरिंग में पौधरोपण में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) के अनुरूप पौधों का चयन किया जाता है। बरगद, पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे देशज पौधों को वरीयता मिलती है।

विरासत में मिला है पर्यावरण प्रेम
पर्यावरण से योगी का यह प्रेम पुराना है। संभवतः यह उनको विरासत में मिला है। 5 जून 1972 को उनका जन्म प्राकृतिक रूप से बेहद संपन्न देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर नामक गांव में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय आनंद सिंह विष्ट वन विभाग में रेंजर थे। प्राकृतिक संपदा के लिहाज से समृद्धतम देवभूमि में जन्म और पिता की वन विभाग की सर्विस की वजह से प्रकृति के प्रति उनका लगाव स्वाभाविक है। गोरखपुर स्थित करीब 50 एकड़ में विस्तृत गोरखनाथ मंदिर परिसर की लकदक हरियाली, बीच-बीच में खूबसूरत फुलवारी, भीम सरोवर के रूप में खूब सूरत पक्का जलाशय, पॉलीथिन रहित परिसर इस सबका सबूत है।

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