LP Live, Patna: इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा और अगले साल मार्च-अप्रैल में लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए 23 जून को पटना में बैठक बुलाई गई है, लेकिन इससे पहले ही मेजबान नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से संतोष मांझी ने इस्तीफा देकर महागठबंधन को झटका दे दिया है।
बिहार में महागठबंधन की सरकार को बड़ा झटका देने वाले मंत्री संतोष सुमन मांझी बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। नीतीश सरकार में संतोष मांझी के पास अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्रालय था। सूत्रों के अनुसार जीतनराम मांझी की राजग में शामिल होने की अटकले लग रही है। शायद इसी कारण उनके बेटे संतोष मांझी ने बिहार कैबिनेट से इस्तीफा देकर राजनीतिक विश्लेष्कों को हैरान कर दिया है। जीतन राम मांझी के दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने संतोष के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए बताया कि जदयू की ओर से उनके ऊपर विलय करने का दबाव बनाया जा रहा था, जबकि उनकी पार्टी हम गरीबो के हितो की रक्षा के लिए काम कर रही है। हालांकि संतोष ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए इस्तीफा दिया है, लेकिन महागठबंधन अभी नहीं छोड़ा है।
महागठबंधन की बैठक का नहीं मिला न्यौता
बताया जा रहा है कि हम के प्रमुख जीतनराम मांझी को 23 जून को पटना में होने जा रही विपक्षी दलों की महाबैठक के लिए न्यौता तक नहीं दिया गया, जिसकी वजह भी संतोष मांझी का इस्तीफा हो सकता है। वहीं लोकसभा चुनाव में जदयू के साथ गठबंधन में हम ने पांच सीटे मांगी है, जिनके लिए विचार करने के बजाए हम पर जदयू में विलय करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।