

LP Live, New Delhi: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में एक केंद्रशासत प्रदेश समेत आठ राज्यों की 57 सीटों पर 61.63 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इसमें सबसे ज्यादा 73.36 प्रतिशत पश्चिम बंगाल और सबसे कम 51.92 प्रतिशत मतदान बिहार में किया गया है। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके पांच केंद्रीय मंत्रियों के अलावा एक पूर्व सीएम और कई पूर्व मंत्रियों की सियासी किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है।
देश में लोकसभा की 543 सीटों के लिए पहले छह चरणों में 486 सीटो पर मतदान पहले छह चरणों में हो चुका है,जबकि बाकी बची 57 सीटों पर सातवें एवचं अंतिम चरण में आज शनिवार को मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने इस चरण अंतिम आंकडे जारी किये, जिसमें 61.63 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई, जिसमें बिहार में 51.92 प्रतिशत, चडीगढ़ में 67.90 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 69.67 प्रतिशत, झारखंड में 70.66 प्रतिशत, ओडिशा में 70.67 प्रतिशत, पंजाब में 58.33 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 55.59 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 73.36 प्रतिशत वोटिंग हुई। सातवें चरण की 57 सीटों पर मतदान के लिए विभिन्न राज्यों में कुल मिलाकर 1.09 लाख मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई। जिन 57 सीटों पर मतदान हुआ, वहां कुल 10.06 करोड़ से अधिक मतदाता थे। चुनाव आयोग के मुताबिक, इन 10.06 करोड़ से अधिक मतदाताओं में लगभग 5.24 करोड़ पुरुष, 4.82 करोड़ महिला और 3574 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे।
किस चरण में कितना हुआ मतदान
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों के लिए 66.14 प्रतिशत, दूसरे चरण में 88 सीटों के लिए 66.71 प्रतिशत, तीसरे चरण में 93 सीटों के लिए 65.68 प्रतिशत, चौथे चरण में 96 सीटों के लिए 69.16 प्रतिशत, पांचवे चरण में 49 सीटों के लिए 62.2 प्रतिशत और छठें चरण में 58 सीटों के लिए 63.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। जबकि इस अंतिम चरण में 57 सीटों के लिए 61.63 प्रतिशत मतदान हुआ। अंतिम चरण में 904 प्रत्याशियों के सामने 10,06,53,884 मतदाताओं का चक्रव्यूह था, जिसमें मतदान समाप्त होने तक केवल 58.34 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। इस लोकसभा चुनाव में 543 सीटों पर 801 महिलाओं समेत 8363 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा है, जिसमें गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा के मुकेश दलाल पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। अब 542 सीटों के लिए हुए चुनाव में डाले गये मतों की गिनती चार जून को कराई जाएगी।
पीएम मोदी समेत कई दिग्गजों की सियासी किस्मत ईवीएम में कैद
लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही यूपी की ही चंदौली सीट पर केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्रनाथ पांडये, महाराजगंज सीट पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, मिर्जापुर से केंद्रीय वाणिज्य व उद्यम राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, बिहार की आरा लोकसभा सीट से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह तथा हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा खेल मंत्री अनुराग की भी इस चुनावी जंग में प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं पंजाब की जालंधर सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तथा गुरदासपुर सीट से पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह रंधावा की कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में सियासी साख का इम्तिहान होगा।
इन दिग्गजों की भी दांव पर लगी प्रतिष्ठा
लोकसभा चुनाव के अंतिम पड़ाव में जिन सियासी दिग्गजों ने भी अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रखा है, उनमें बिहार की पटना साहिब सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पाटलिपुत्र से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल व राजद प्रमुख लालू यादव की बेटी मीसा भारती, काराकाट सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाह व फिल्मी कलाकार पवन कुमार चुनाव मैदान में हैं। चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में पूर्व मंत्री मनीष तिवारी, पंजाब की बठिंडा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिअद प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल, पटियाल से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी परणीत कौर, हिमाचल की कांगड़ा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, मंडी सीट पर भाजपा प्रत्याशी फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत, ओडिशा की बालासोर सीट पर भाजपा प्रत्याशी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रताप सिंह सारंगी, बलिया से भाजपा के नीरज शेखर, पश्चिम बंगाल की दमदम सीट से तृणमूल प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री सौगात राय, कोलकाता उत्तर सीट तृणमूल के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदीप बंदोपाध्याय और डायमंड हार्बर सीट से बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी सियासी प्रतिष्ठा के लिए चुनाव मैदान में हैं।
