खुब्बापुर थप्पड़ प्रकरण के छात्र का बीएसए कार्यालय से नहीं मिला परिवहन खर्च
LP Live, Muzaffarnagar: खुब्बापुर में हुए थप्पड़ प्रकरण में पीड़ित छात्र का सीबीएसई शारदेन स्कल में दाखिले को एक वर्ष से अधिक समय बीत गया, लेकिन अब बेसिक शिक्षा विभाग छात्र के परिवहन खर्च को अदा करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। करीब चार महीने से परिवहन खर्च व स्कूल ड्रैस नहीं दिलाने के छात्र के पिता ने बेसिक शिक्षा विभाग अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को ही छात्र का परिवहन खर्च उठाने की जिम्मेदारी दी थी।
मंसूरपुर थाना क्षेत्र के गांव खुब्बापुर स्थित नेहा पब्लिक स्कूल में एक छात्र को कक्षा के अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाने का मामला अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेकर पीड़ित छात्र की उच्च स्तरीय समिति से काउंसलिंग कराने के बाद छात्र का दाखिला शहर के शारदेन स्कूल में कराया था। पहले तो बेसिक शिक्षा विभाग ही छात्र की फीस और परिवहन खर्च पीड़ित छात्र के पिता को दे रहा था, लेकिन कुछ महीने पूर्व ही बीएसए संदीप कुमार ने एनजीओ की खोज कर छह महीने तक छात्र की फीस स्कूल में जमा करा दी थी, लेकिन परिवहन खर्च बेसिक शिक्षा विभाग को ही अदा करना था। पीड़ित छात्र के पिता ने मीडिया को अवगत कराया कि उन्हें पिछले चार महीने से परिवहन खर्च नहीं मिल रहा है। सुप्रीम कोर्ट से एक दिन का परिवहन खर्च 200 रुपये सुप्रीम कोर्ट से निर्धारित है, जो नहीं दिया जा रहा है। छात्र के पिता ने बताया कि वह कई बार बीएसए कार्यालय में भी मिलने के गए है, लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिला, जिसके चलते वह छात्र को शारदेन स्कूल से निकालने के लिए भी मजबूर होंगे।
क्या कहते है बीएसए: मुजफ्फरनगर बीएसए संदीप कुमार ने लोकपथ लाइव से बात करते हुए बताया कि खुब्बापुर थप्पड़ प्रकरण के पीड़ित छात्र की छह महीने की फीस एनजीओ से जमा कराई जा चुकी है। परिवहन खर्च डेढ़ महीने का ही रूका हुआ है, जिसको निकलवाने के लिए बीईओ को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही शेष परिवहन खर्च मिल जाएगा।