विद्या का संस्कार से जुडना जरूरी , बिना संस्कार के विद्या अधूरी
मुजफ्फरनगर के जडौदा स्थित होली चाइल्ड पब्लिक इंटर कालेज के सभागार में शुक्रवार को एक तीन दिवसीय माइस्टरी आफ ग्रेट टीचिंग कार्यशाला शुरू हुई
LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के जडौदा स्थित होली चाइल्ड पब्लिक इंटर कालेज के सभागार में शुक्रवार को एक तीन दिवसीय माइस्टरी आफ ग्रेट टीचिंग कार्यशाला शुरू हुई। कार्यशाला के पहले दिन डीआइओएस व अन्य अतिथियाें ने शिक्षकों को व्यहार में बदलाव लाने की सलाह दी।
कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि डीआइओएस गजेन्द्र कुमार, प्रधानाचार्य शिव कुमार, जशवीर राणा, चन्द्रपाल सिंह, एससी त्यागी, यशपाल सिंह पुंडीर, समृद्धि त्यागी, प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया व रीटा दहिया आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस में डीआईओएस गजेन्द्र कुमार ने कहा कि हम विद्यालय में शिक्षा देने का एक माहौल तैयार करते है, प्रत्येक शिक्षक का एक नैतिक कर्तव्य है कि वह अपने विद्यार्थियों में नैतिक, बोद्धिक, मानसिक विकास के साथ-साथ संस्कारी गुणों को भी विकसित कराए, क्योंकि विद्या ददाति विनयं, विनम ददाति पात्रताम। अतः विद्या का संस्कार से जुडना बहुत अधूरी है, बिना संस्कार के विद्या बेकार है। एक अध्यापक जब तक बच्चों के मनोविज्ञान को नहीं समझता तब तक वह पूर्ण अध्यापक नहीं बन सकता है। यदि आप आदर्श अध्यापक बनाना चाहते है तो आपको बच्चों की साइकलोजी को समझना होगा। वक्ता संजीव जलोत्रा ने कहा कि हमें बच्चों के मनोविज्ञान को बहुत ही नजदीक से समझना होगा। बच्चे प्रकृति के बहुत ही नजदीक होते है। विरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने नवाचार शिक्षण पद्धति पर जोर देते हुए बताया कि हमें बच्चों को 2-3 अक्षर देकर केवल उन्हीं अक्षरों से शब्द एवं वाक्य बनवाने की कोशिश करनी चाहिए, ऐसा करने से बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचि बढेगी। समृद्धि त्यागी ने बच्चों के व्यवहार में सुधार लाने से पहले शिक्षकों को अपने व्यवहार में भी सुधार लाना अतिआवश्यक बताया। इस अवसर पर प्रवेन्द्र दहिया ने अतिथियों को शाल उढाकर व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया।