बैंक्विट हॉल पर सील का खेल, एमडीए के नोटिस बन गए मजाक
Live, Muzaffarnagar: जनपद में संचालित अधिकतर बैंक्वेट हाल और होटलों का अवैध संचालक जिला प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहा है। मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के इंजीनियर अपनी गर्दन बचाने के लिए संचालकों को नोटिस भेज रहें है, लेकिन कार्रवाई न करने पर एमडीए विभाग मजाक बनकर रह गया है। पिछले दिनों मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने शहर में अवैध रूप से सचांलित करीब 80 बैंक्वेट हाल और हाेटल संचालकों को बंद करने की चेतावनी देकर नोटिस भेजे थे, जिसके बाद पांच को सील भी किया, लेकिन कुछ दिन में ही बैकफुट पर आकर सील खोलकर विभाग नोटिस पर चुप हो गया। एमडीए की इस कार्यप्रणाली से विभाग का मजाक बन रहा है और इंजीनियरों की मिलीभगत से जिले को मोटा राजस्व का नुकसान हो रहा है।
तीन बैंक्वेट हाल, एक रिसोर्ट सील कर बैक फुट आया प्राधिकरण
दीपावली से पूर्व मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के सचिव आदित्य प्रजापति ने सभी अभियंताओं को आदेश देकर अवैध रूप से संचालित होने वाले बैंक्वेट हाल और होटलों को मानचित्र स्वीकृत कराने के लिए नोटिस दिया था। इसके बाद एमडीए ने वृंद्धावन गार्डन, कुसुम फार्म, दीपक पैलेस और पैराडाइस रिसोर्ट को सील किया गया था, लेकिन इन तीन बैंक्वेट हाल और एक रिसोर्ट से एमडीए ने अगले दिन ही सील हटा दी। एमडीए की इस कार्यप्रणाली को लेकर शहर में चर्चा है कि यह कार्रवाई विभाग द्वारा दबाव बनाने के लिए हुई थी। हालाकि इसके अलावा अन्य बैंक्वेट हाल पर अभियंताओं ने कार्रवाई तक नही की है। भोपा रोड पर संचालित अधिकतर बैंक्वेट हाल के मानचित्र स्वीकृत होना असंभव हो रहा है, क्योंकि लीज की जमीन पर वह बैंक्वेट हाल चल रहे है, जिसके पूर्ण कागज तक संचालकों के पास नहीं है।
शहर में अतिक्रमण और जाम का कारण बने बैंक्वेट हाल
शादी के मौसम में शाम होते ही रुड़की रोड, भोपा रोड सहित अन्य स्थानों पर जाम लगता है। इसका कारण बिना नक्शा पास कराए चल रहे बैंक्वेट हाल है। बैंक्वेट हाल के बाहर सड़कों पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों की पार्किंग अवैध रूप से रहती है, जिस कारण सडक तक वाहन खड़े होते है। यातायात पुलिस इन वाहनों पर मांगलिक कार्यक्रम के कारण कार्रवाई से बचती है, लेकिन बैंक्वेट हाल संचालकों की इस लापरवाही के कारण पूरे शहर को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है।
क्या कहते हैं अधिकारी
शहर में करीब 80 बैंक्वेट हाल को नोटिस दिए गए हैं। यदि वह मानचित्र स्वीकृत नही कराते हैं तो उन्हें हमेशा के लिए बंद किया जाएगा। जिन बैंक्वेट हाल पर सील लगी थी, उन्हें इस लिए राहत दी है, ताकि पहले से हुई वहां की बुकिंग को पूरा कर लिया जाए, ताकि किसी परिवार को सामाजिक हानि न झेलनी पड़ी। बैंक्वेट हाल संचालकों को आगे के लिए आदेश दे दिए हैं कि अगली बुकिंग लेने से पहले वह मानक पूर्ण कर लें, अन्यथा सीलिंग के साथ जुर्माना लगाया जाएगा। – आदित्य प्रजापति, सचिव एमडीए