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गुजरात और हरियाणा में ग्रामीण स्थानीय निकायों को मज़बूत बनाने की कवायद

पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान के रूप में दोनों राज्यों को जारी की 730 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशी
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने गुजरात और हरियाणा में ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को मज़बूत बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान पंद्रहवें वित्त आयोग के अनुदान जारी किए हैं।

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केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) की सिफारिश के आधार पर वित्त मंत्रालय ने गुजरात में, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 522.20 करोड़ रुपये की असंबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त राज्य की सभी 38 ज़िला पंचायतों, 247 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 14,547 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए जारी की गई है। जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुक्त (अनटाइड) अनुदान की पहली किस्त के रोके गए हिस्से के 13.5989 करोड़ रुपये अतिरिक्त पात्र 6 जिला पंचायतों, 5 ब्लॉक पंचायतों और 78 ग्राम पंचायतों को भी जारी कर दिए गए हैं। वहीं हरियाणा के लिए केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मुक्त अनुदान की 195.129 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है, जो राज्य की 18 जिला पंचायतों, 134 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 6,164 ग्राम पंचायतों के लिए है।

ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं
केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) के माध्यम से, राज्यों को पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिन्हें बाद में वित्त मंत्रालय जारी करता है। आवंटित अनुदानों की सिफारिश की जाती है और एक वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है। वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित उनतीस (29) विषयों के अंतर्गत स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए मुक्त अनुदानों का उपयोग किया जाएगा। बद्ध (टाइड) अनुदानों का उपयोग (क) स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है, और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार, विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन, और (ख) पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण शामिल होना चाहिए।

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