राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर हुई शैक्षणिक कार्यशाला
LP Live, Muzaffarnagar: माध्यमिक शिक्षा विभाग के तत्वावधान में मुजफ्फरनगर के एसडी इंटर कालेज में गुरुवार को शैक्षणिक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें जनपद के वित्तविहीन विद्यालयों के 115 प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। कार्यशाला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलू, परिषदीय परीक्षा में विद्यार्थी उच्च अंक कैसे प्राप्त करें आदि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला का शुभारंभ डीआइओएस डा. धर्मेन्द्र शर्मा, प्रधानाचार्य सोहन पाल व प्रधानाचार्य डा. विकास कुमार द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रजव्ल्लित करके किया गया। डीआइओएस डा. धर्मेद्र शर्मा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में हमारी आवश्यकताएं नित प्रतिदिन बदल रही है। हमारे विद्यार्थियों के लिए सीखनें के प्रतिफल, सीखनें के उद्देश्य भी परिवर्तित हो रहें है। नई शिक्षा नीति का केन्द्र बिंदु विद्यार्थियों का समग्र विकास है, हमे अपने विद्यालय में विषय शिक्षण के साथ साथ सहगमी क्रियाओं, प्रयोगात्मक कार्यों को भी एकीकृत करना चाहिए। सभी विद्यालय अपने सभी विद्यार्थियों का विवरण यू डायस पोर्टल पर अनिवार्य रूप में अपडेट कराएं। परिषदीय परीक्षा में सम्मिलित होने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए योजना बद्ध रूप में कार्य करें, जिससे विद्यार्थी उच्च अंक प्राप्त कर सके। प्रधानाचार्य डा. विकास कुमार ने नई शिक्षा नीति की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा नीति बालक केंद्रित है। इसमें विद्यार्थी के संज्ञानात्मक पक्ष के साथ साथ सामाजिक , नैतिक ,बौद्धिक, फिजिकल आदि सभी पक्षों को सम्मिलित कर बालक समग्र विकास पर जोर दिया गया है। इस नीति में प्रस्तावित सुधारों के अनुसार, कला और विज्ञान, व्यावसायिक तथा शैक्षणिक विषयों एवं पाठ्यक्रम गतिविधियों के बीच बहुत अधिक अंतर नहीं होगा। कक्षा छह से ही शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को शामिल कर दिया जाएगा और इसमें इंटर्नशिप की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके अलावा छात्रों के समग्र विकास के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए कक्षा-10वीं और कक्षा 12वीं की परीक्षाओं में बदलाव किया जाएगा। इसमें भविष्य में समेस्टर या बहुविकल्पीय प्रश्न , समस्या समाधान आदि जैसे सुधारों को शामिल किया जा रहा है। छात्रों की प्रगति के मूल्यांकन के लिये मानक-निर्धारक निकाय के रूप में ‘परख’ नामक एक नए ‘राष्ट्रीय आकलन केंद्र’ की स्थापना की जा रही है। कार्यशाला में प्रवेंद्र दहिया, अनिल शास्त्री, प्रदीप कुमार पुंडीर, अशोक त्यागी,सतीश शर्मा, स्नेह मिश्रा, नीरज कुमार, नरेंद्र पंवार, निर्वेश सिंह, अभिषेक गर्ग आदि का सहयोग रहा।