प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के पंजीकरण में आगे निकला बहराइच जिला
LP Live, Lucknow: गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 को योगी सरकार प्रदेश में प्रभावशाली तरीके से संचालित कर रही है। प्रथम चरण में 2017-2023 तक 47.53 लाख लाभार्थियों को 2534.11 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। इसके तहत द्वितीय चरण में अप्रैल 2023 से अब तक 2.74 लाख लाभार्थियों को 111.61 करोड़ से ज्यादा की राशि प्रदान की जा चुकी है।
ज्ञात हैं कि योजना का कियान्वयन स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य परिवार नियोजन अभिनवीकरण सेवा एजेन्सी (सिफ्सा) के माध्यम से वर्ष 2017 से किया जा रहा है।
यह है पूरी योजना, इतना मिलता है लाभ
भारत सरकार द्वारा पीएमएमवीवाई 2.0 का संचालन अप्रैल 2022 से मिशन शक्ति के अन्तर्गत उपयोजना सामर्थ्य के माध्यम से किए जाने का निर्णय लिया गया है। योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों की सुगमता व प्रभावी संचालन के लिए आंशिक बदलाव भी किया गया है। योजना के तहत प्रथम चरण में महिलाओं को प्रथम शिशु के लिए तीन किस्तों में 5 हजार रुपए, जबकि दूसरे चरण में प्रथम शिशु के लिए दो किस्तों में 5 हजार रुपए और द्वितीय शिशु (बालिका) के लिए 6 हजार रुपए समेत कुल 11 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं।
विभिन्न चरणों में चलाया गया विशेष पंजीकरण अभियान
योजना के द्वितीय चरण के तहत 4 मार्च 2024 तक कुल 541782 महिलाओं ने पंजीकरण कराया, जिनमें 2.74 लाख को इसका लाभ प्राप्त हो चुका है। इसके तहत उन्हें 111.61 करोड़ रुपए प्रदान किए गए।
बहराइच जिला पंजीकरण में नंबर वन, वाराणसी सैंकिड
सर्वाधिक पंजीकरण के मामले में बहराइच नंबर वन पर रहा, जहां पर 25,678 ने पंजीकरण कराया। इसके बाद वाराणसी (19,667), गाजियाबाद (18,131), रामपुर (15,057) और बस्ती (12,760) जैसे जनपद शामिल रहे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रगति को बढ़ाए जाने के लिए भारत सरकार के दिशानिर्देशों के क्रम में विभिन्न चरणों में विशेष पंजीकरण अभियान का आयोजन किया गया। प्रमुख सचिव एवं सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाभार्थी पंजीकरण को बढ़ाए जाने हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी व अपर मुख्य चिकित्साधिकारी से नियमित समीक्षा बैठक की गई। सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को कार्यक्रम की प्रगति बढ़ाने हेतु पत्र के माध्यम से समय-समय पर निर्देश दिए गए।