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Asian Games: मेरठ की बेटियो ने भारत के लिए रचा इतिहास

भाला फेंक में अन्नू रानी व दौड़ में पारुल चौधरी ने जीता स्वर्ण पदक

पीएम व सीएम ने इस स्वर्णिम सफलता पर दी बधाई
LP Live, New Delhi: यूपी के मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने हांगझोऊ एशियाई खेलों में इतिहास रचते हुए भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण जीता है। वहीं 500 मीटर रेस में मेरठ की ही बेटी पारुल चौधरी ने महिलाओं की 5000 मीटर में शानदार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

भारतीय महिला खिलाड़ियों ने अपनी अपनी स्पर्धा में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ की अन्नू रानी और पारुल चौधरी को इस स्वर्णिम सफलता पर शुभकामनांए दी हैं। चीन के हांगझोऊ एशियाई खेलों में मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने अपने चौथे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए अनु ने 62.92 मीटर भाला फेंका। जबकि श्रीलंका की नदीशा दिलहान ने रजत पदक जीता। इसी के साथ अन्नू एशियाड में जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं। 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब एशियाई खेलों में महिलाओं के भाला फेंक में किसी भारतीय ने स्वर्ण जीता है। गांव में खेलते और गन्ने का भाला बनाकर अभ्यास करने वाली अनु एक दिन ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में भारत के दल में हिस्सा लेंगी, ऐसी कल्पना किसी ने कभी नहीं की, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत से उसने अपने गांव, जिले, प्रदेश और भारत को गौरवान्वित कर इतिहास रच दिया है। बताते हैं कि पिता के लाख मना करने के बावजूद वह चोरी से अपनी प्रैक्टिस करती थी, जिसमें उसका बड़ा भाई उपेन्द्र एक धावक था, जो विश्वविद्यालय स्तर तक हिस्सा ले चुका है और भाई ने ही अपनी बहन को प्रोत्साहित ही नहीं किया बल्कि त्याग भी किया, जिसका नतीजा आज सामने है।

पारुल ने भी रचा इतिहास
भारत के लिए मंगलवार को भारत की स्टार एथलीट पारुल चौधरी ने भी महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा है। पारुल चौधरी भी मेरठ जिले की ही बेटी है। एशियाई खेलों में महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ में पारुल ने पिछले 25 सालों में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। पारुल दौड़ में पहले पीछे चल रही थीं, लेकिन आखिरी कुछ सेकंड में उन्होंने गजब की वापसी की और कीर्तिमान रच दिया। इसी स्पर्धा में भारत की एक और एथलीट अंकिता छठे स्थान पर रहीं। पारुल ने पांच हजार मीटर दौड़ के फाइनल में 15:14:75 मिनट का समय लिया। एक समय ऐसा था जब शुरुआती 4000 मीटर तक पारुल पांचवें-छठे स्थान पर दौड़ रही थीं, लेकि आखिरी हजार मीटर में वह शीर्ष तीन और आखिरी 200 मीटर में शीर्ष दो में पहुंच गईं और आखिरी 30 मीटर में पारुल ने गजब की हिम्मत दिखाते हुए भारत के लिए इतिहास रच दिया। एशियन गेम्स में यह भारत का 14वां स्वर्ण था।

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