देशराजनीति

संसद का विशेष सत्र में क्या है पीएम मोदी का विशेष संबोधन

संसद के 75 साल के इतिहास और उपलब्धियों व संस्मरणों पर रहा फोकस

ऐतिहासिक निर्णयों और कई जटिल मुद्दों के स्थाई समाधान का गवाह रहेगा पुराना भवन
गणेश चतुर्थी को संसद के नए भवन में प्रेवश करेगी सरकार
LP Live, New Delhi: संसद के विशेष सत्र की शुरुआत पुराने और ऐतिहासिक भवन में हुई और मंगलवार यानी गणेश चतुर्थी को संसद के नए भवन में सत्र की बैठकों की शुरुआत हो जाएगी। अमृतकाल में संसद के 75 साल के इतिहास, उपलब्धियों और संस्मरणों के साथ सोमवार को पुराने भवन में सत्र की अंतिम बैठक में अपने विशेष संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल को संसद भवन के रुप में पहचान मिली, जो ऐतिहासिक निर्णयों और दशकों से लंबित मुद्दों के स्थाई समाधान का गवाह भी रहेगा।

संसद के विशेष सत्र में पुराने संसद भवन के भीतर अपने विशेष संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह सत्र देश की 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का एक बार पुनः स्मरण करने और नए सदन में प्रवेश करने से पहले उन प्रेरक पलों और इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को स्मरण करने का मौका है, जहां से हम सब इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं और मंगलवार यानी गणेश चतुर्थी के दिन से संसद के नए भवन में प्रवेश करने जा रहे हैं। यह ऐतिहासिक फैसलों का विशेष सत्र है। इस सत्र की एक खासियत यह है कि 75 साल की यात्रा एक से शुरू हो रही है नई मंजिल और अब नई जगह से सफर को आगे बढ़ाते हुए हमें 2047 तक देश को विकसित देश बनाना है। इसके लिए आने वाले समय के सभी फैसले नए संसद भवन में लिए जाएंगे। पीएम मोदी ने कहा कि अनेक ऐतिहासिक निर्णय और दशकों से लंबित विषय का स्थाई समाधान भी इसी सदन में हुआ। अनुच्छेद 370, वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी का निर्णय, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण जैसे अनेक निर्णय इसी पुराने संसद भवन से हुए हैं।

संसदीय यात्रा प्रेरणा देती रहेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानि यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने कहा कि भले ही इस इमारत (पुराने संसद भवन) के निर्माण करने का निर्णय विदेश शासकों का था लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं इस भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के थे। प्रधानमंत्री ने कहा इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है।

ऐतिहासिक उपलब्धियां
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा आज आपने एक स्वर से जी-20 की सफलता की सराहना की है औ वह आपका आभार व्यक्त करते हैं। जी-20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं, बल्कि यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘चंद्रमा मिशन की सफलता के तहत चंद्रयान-3 ने हमारा तिरंगा फहरा दिया है, शिव शक्ति प्वाइंट प्रेरणा का नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है।जब ऐसी कोई उपलब्धि हासिल होती है तो दुनिया उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखती है। जब ये क्षमता दुनिया के सामने आती है तो कई अवसर और संभावनाएं भारत के दरवाजे पर दस्तक देती हैं।

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