लोक अदालत में 3,29,169 वादों का हुआ निस्तारण


LP Live, Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर जनपद न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मुजफ्फरनगर विनय कुमार द्विवेदी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। न्यायाधीश द्वारा ने राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए यह कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य वादकारियों को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करना है। लोक अदालत में होने वाले फैसले में हार जीत का कोई प्रश्न नहीं रह जाता है, क्योंकि जब वादकारी आपसी समझौते के आधार पर वाद का निस्तारण करते हैं तो उनके मध्य आपसी सौहार्द बना रहता है एवं उनके अमूल्य समय की बचत भी होती है।
परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश सत्यानंद उपाध्याय द्वारा पारिवारिक मामलों में लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुये यह कहा गया कि परिवारों के एकीकरण में लोक अदालत अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

लोक अदालत के नोडल अधिकारी अपर जिला जज शक्ति सिंह द्वारा ने कहा कि ‘‘न्याय सबके लिए’’ की परिकल्पना को चरितार्थ करने हेतु राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। उनके द्वारा यह कहा गया कि लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाने का एक महत्वपूर्ण मंच है तथा त्वरित न्याय प्राप्त करने का एक अत्यन्त महत्वपूर्ण साधन है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मुजफ्फरनगर के सचिव अनिल कुमार द्वारा यह बताया गया है कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 03 लाख 29 हजार 169 मामलों का निस्तारण किया गया। प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय, मुजफ्फरनगर सत्यानन्द उपाध्याय की अध्यक्षता में सभी पारिवारिक न्यायालयों द्वारा 78 प्रकरण निस्तारित किये गये। परिवार न्यायालय से 22 जोड़ों को एक साथ रहने हेतु विदा किया गया। जिला अधिकारी मुजफ्फरनगर के नेतृत्व में राजस्व अधिकारियों द्वारा 19438 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के द्वारा 1248 बैंक ऋण मामले निस्तारण कराकर लगभग 11 करोड़ 10 लाख 27 हजार रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया।
इस अवसर पर अपर जनपद न्यायाधीश जय सिंह पुण्डीर, रजनीश कुमार, गोपाल उपाध्याय, बाबूराम, कमलापति, अपर जनपद न्यायाधीश एवं नोडल अधिकारी, लोक अदालत शक्ति सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनोज कुमार सहित समस्त न्यायिक अधिकारी, समस्त बैंको के अधिकारी एवं बडी संख्या में वादकारी उपस्थित रहे।
