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केंद्र का किसानों को 3.69 लाख करोड़ के विशेष पैकेज का तोहफा

केंद्रीय कैबिनेट ने दी किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं को मंजूरी

गन्ने की एफआरपी में दस रुपये की बढ़ोतरी, पांच करोड़ गन्ना किसानों को मिलेगा फायदा
LP Live, New Delhi: केंद्र सरकार ने किसानों के लिए नवीन योजनाओं के एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी है। इसमें यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखना भी शामिल है। तीन वर्षों के लिए यूरिया सब्सिडी को लेकर 3,68,676.7 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को 3,70,128.7 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ किसानों के लिए एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई। यह मंजूरी योजनाओं का समूह टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देकर किसानों के समग्र कल्याण और उनकी आर्थिक बेहतरी पर केंद्रित है। ये पहल किसानों की आय को बढ़ायेंगी और प्राकृतिक एवं जैविक खेती को मजबूती देंगी। वहीं मिट्टी की उत्पादकता को पुनर्जीवित करेंगी और साथ ही खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगी। सरकार ने ‘अपशिष्ट से धन’ मॉडल के तौर पर बाजार विकास सहायता योजना हेतु 1451 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। ज जबकि गोबरधन संयंत्रों से निकलने वाली पराली और जैविक खाद का उपयोग मृदा की उर्वरता बढ़ाने और पर्यावरण को सुरक्षित व साफ रखने के लिए किया जाएगा। मृदा में सल्फर की कमी को दूर करने और किसानों की इनपुट लागत को कम करने के लिए सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) की शुरुआत की जा रही है। भारत सरकार ने उर्वरक सब्सिडी को 2014-15 में 73,067 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2022-23 में 2,54,799 करोड़ रुपये कर दिया है। गोबरधन संयंत्रों से जैविक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए बाजार विकास सहायता (एमडीए) के लिए 1451.84 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

यूरिया पर सब्सिडी जारी रहेगी
कैबिनेट ने किसानों को करों और नीम कोटिंग शुल्कों को छोड़कर 242 रुपये प्रति 45 किलोग्राम की बोरी की समान कीमत पर यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने की मंजूरी दे दी है। पैकेज में तीन वर्षों 2022-23 से 2024-25 तक के लिए यूरिया सब्सिडी को लेकर 3,68,676.7 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है। यह पैकेज हाल ही में अनुमोदित 2023-24 के खरीफ मौसम के लिए 38 हजार करोड़ रुपये की पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) के अतिरिक्त है। जबकि बैग की वास्तविक कीमत लगभग 2200 रुपये है। यह योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा बजटीय सहायता के माध्यम से वित्तपोषित है। यूरिया सब्सिडी योजना के जारी रहने से जारी रहने से यूरिया का स्वदेशी उत्पादन भी अधिकतम होगा।

गन्ने के दामों में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट की बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने गन्ने की उच्चतम एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 305 रुपये से बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है। इससे देश के पांच करोड़ गन्ना किसानों को लाभ मिलेगा। वहीं इससे शुगर मिल में काम करने वाले पांच लाख कर्मचारियों को भी लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि गन्ने का एफआरपी 2014-15 सीजन में 210 रुपये प्रति क्विंटल थी, अब 2023-24 सीजन के लिए इसे बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।

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