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आवारा कुत्तों और पशुओं को सड़कों से हटाएं राज्य सरकारें: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किये आदेश
राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देशों की भी पुष्टि करते हुए दिये निर्देश
LP Live, New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों और पशु को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया है कि राज्य सरकारें शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों तथा सड़कों से आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को हटाना सुनिश्चित करें। कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को तय की है।

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देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा पशुओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस संदीप मेहता ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उन निर्देशों की भी पुष्टि की, जिनमें राज्य सरकार के अधिकारियों, नगरपालिका अधिकारियों और सड़क एवं परिवहन अधिकारियों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थलों में पुनर्वासित करने का निर्देश दिया गया था। राजमार्गों या सड़कों या एक्सप्रेसवे पर पाए जाने वाले सभी जानवरों को तुरंत हटाने के लिए एक संयुक्त समन्वित अभियान चलाया जाएगा, जिसमें हाईवे और सड़कों से आवारा मवेशियों को तुरंत हटाया जाए। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहद गंभीर रुख अपनाते हुए निर्देश दिया है कि इन पशुओं को तुरंत हटाया जाए। शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक स्थानों से भी आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को हटाकर आश्रय गृह भेजने का आदेश दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे राजमार्ग गश्ती दल गठित करें जो सड़कों से आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें आश्रय गृहों में रखें जहां उनकी देखभाल की जाएगी। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 8 हफ्ते का समय दिया है।

सरकार से मांगा शपथपत्र
सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी। अगली सुनवाई से पहले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश व्यापक हलफनामा दाखिल करेंगे, जिसमें रिपोर्ट में उजागर की गई खामियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख होगा। इसमें किसी भी तरह की ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा। देश के कई राज्यों में सड़कों और हाईवे पर खुले घूम रहे आवारा मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। गौरतलब कि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए जहां से उन्हें उठाया गया था। वहीं, शीर्ष न्यायालय ने आदेश दिया कि न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया जाए और वह उसके आदेश का हिस्सा होगी।

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