
एंटी रेबीज डे पर विशेष…
LP Live, Muzaffarnagar: शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हालात इतने खराब हैं कि हर महीने औसतन पांच हजार से ज्यादा लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे और बुज़ुर्ग हैं। जिनका जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी और पीएचसी पर इलाज चल रहा है।
जिले में 63 स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलता है कुत्ते काटने पर इलाज
आज एंटी रेबीज डे के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम कर कुत्ते का काटने पर मिलने वाले इलाज के प्रति जागरूक कर रहा है। लोगों को कुत्ते के काटने पर मिलने वाले इलाज पर समय की जानकारी दी जा रही है। हर महीने जिले में पांच हजार से अधिक लोग कुत्ते काटने के शिकार हो रहे हैं। जिला अस्पताल सहित 63 स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसमें 50 पीएचसी और 12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल है। हालांकि राहत की बात है कि जिले में एआरवी वैक्सीन की पूर्ण उपलब्धता होने से जागरूक मरीज अपना इलाज ले पा रहे हैं।
कुत्तों की नसबंदी कराने में नगरपालिका चेयरमैन के दावे फैल
नगरपालिका प्रशासन शहर से टैक्स वसूली पर पूरा ध्यान दे रहा हैं, लेकिन अपने टैक्स पेयर को सुविधाओं के नाम पर केवल भरोसा देता है। शहर की कोई गली ऐसी नहीं है, जहां आवारा कुत्तों का आतंक नहीं है। नगरपालिका चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप नई मंडी में रहती है, लेकिन वहां भी कुत्तों का आतंक है। शहर के कई मौहल्ले तो ऐसे है, जहां कई-कई बार कुत्तों ने बच्चों को नोंच दिया है। नगरपालिका चेयरमैन मीनाक्षी स्वरूप में पिछले दिनों कुत्तों की नसबंदी कराने को लेकर विभागीय अधिकारियों से वार्ता की थी, लेकिन इसका कोई समाधान लोगों को नहीं मिल रहा है, जबकि यह सत्य है कि कुत्तें के काटने पर मौत तक होने की संभावना बनी रहती है।
रेबीज से बचाव संभव, पर रोकथाम जरूरी: चिकित्सकों का कहना है कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में वैक्सीन लेने से बचाव संभव है। ध्यान रहे कि काटने के तुरंत बाद घाव को साबुन से धोएं। देरी किए बिना नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं। एंटी रेबीज टीके की पूरी डोज लें। पालतू जानवरों का समय-समय पर टीकाकरण कराएं।
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