
ब्रिक्स के 10 देशों ने पहलगाम आतंकवादी हमले की भी एक स्वर में की निंदा
LP Live, New Delhi: ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में भारत समेत सभी 10 सदस्य देशों की संसदों पहलगाम में हुए आतंकी हमले हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक एकता की वकालत की। फोरम के अंतिम संयुक्त घोषणापत्र में इन स्थितियों को सर्वसम्मति से विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के मामले में भारत के दृढ़ और सैद्धांतिक रुख को जोरदार समर्थन मिला।


संसद भवन में गुरुवार को मीडिया से वार्ता करते हुए यह जानकारी राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने दी। उन्होंने कहा कि ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की बैठक से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की ओर से 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट निंदा की और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाने का जोरदार आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय फोरम में भारत सहित सभी 10 सदस्य देशों की संसदों की भागीदारी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। इन संसदों के प्रतिनिधियों ने विचार-विमर्श में सक्रिय रूप से भाग लिया और संयुक्त घोषणा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हरिवंश ने इस बात पर जोर दिया कि संयुक्त घोषणापत्र में भारत के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की गई, जिसमें सदस्य संसदों ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई करने का संकल्प लिया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवादी संगठनों को वित्तीय सहायता पर अंकुश लगाने, खुफिया जानकारी साझा करने, उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने और जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं में सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए समन्वित प्रयासों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।
भारत के दृष्टिकोण की सराहना
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के दृष्टिकोण को विशेष सराहना मिली, ब्रिक्स संसदों ने पुष्टि की कि वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी सदस्य देशों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उपसभापति ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने कई प्रमुख मुद्दों पर भारत के मजबूत और स्पष्ट रुख को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया, जिसमें विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता, एक न्यायसंगत और संतुलित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का लक्ष्य, तकनीकी नवाचार में भागीदारी और लोकतांत्रिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना शामिल है। इसके अलावा इस दौरान गहन चर्चा और विचार-विमर्श के कई दौर के उपरांत कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के उत्तरदायी उपयोग, वैश्विक व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अंतर-संसदीय सहयोग तथा वैश्विक शांति व सुरक्षा जैसे विषयों पर व्यापक सहमति बनी।
भारत को मिली आगामी ब्रिक्स संसदीय फोरम की अध्यक्षता
राज्यसभा हरिवंश ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फोरम के समापन पर भारत को अगले वर्ष 12वें ब्रिक्स संसदीय फोरम की मेजबानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है , जिसकी अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला औपचारिक रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत अब ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग को मजबूत करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से नेतृत्व करेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया और इसमें राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश, राज्य सभा सांसद सुरेन्द्र सिंह नागर, लोक सभा सांसद विजय बघेल, विवेक ठाकुर, डॉ. शबरी बायरेड्डी, लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह, राज्य सभा के महासचिव पी.सी. मोदी और लोक सभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।











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