भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन
अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में ली अंतिम सांस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत दिग्गजों ने जताया गहरा शाेक, संगीत जगत से बॉलीवुड तक शोक की लहर
LP Live, New Delhi: भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन से शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र से क्षति बताते हुए प्रधानमंत्री समेत अनेक दिग्गजों ने गहरा शोक जताया है। वहीं संगीत कला के क्षेत्र से लेकर बॉलीवुड तक तबले की थाप थमने से शोक की लहर दौड गई है।
प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन ने अपने छह दशक के संगीत कला के करियर में कई अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कलाकारों के साथ काम किया। उन्होंने अपने रविशंकर, अली अकबर खान और शिवकुमार शर्मा सहित भारत के प्रतिष्ठित कलाकारों के साथ भी काम किया। वहीं कई वेस्टर्न संगीतकारों के साथ उनके अभूतपूर्व काम ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाया। मसलन मौसिकी की दुनिया में उनके तबले की थाप एक अलहदा पहचान रखती है। ऐसी शख्सियत की थाप थमने की जानकारी उनके परिजनो ने दी। परिवारिक सूत्रों के अनुसार जाकिर हुसैन का निधन फेफड़े से संबंधी ‘इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस’ से हुईं जटिलताओं की वजह से हुई। वे पिछले दो सप्ताह से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था। प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के पुत्र जाकिर हुसैन का जन्म नौ मार्च 1951 को हुआ था। उन्हें उनकी पीढ़ी के सबसे महान तबला वादकों में माना जाता है। उनके परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला और उनकी बेटियां अनीशा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी हैं।
फिल्मों में भी अभिनय से भी जीता दिल
भारतीय शास्त्रीय संगीत के फनकार जाकिर हुसैन ने 1983 में फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा। इसके बाद 1988 में ‘द परफेक्ट मर्डर’, 1992 में ‘मिस बैटीज चिल्डर्स’ और 1998 में ‘साज’ फिल्म में भी उन्होंने अभिनय किया। इसके अलावा उन्होंने संगीत कला की अन्य विधाओं में अपनी कला का हुनर दिखाया। उस्ताद को संगीत की दुनिया का सबसे बड़ा ग्रैमी अवॉर्ड 1992 में ‘द प्लेनेट ड्रम’ और 2009 में ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए मिला। इसके बाद 2024 में उन्हें तीन अलग-अलग संगीत एलबमों के लिए एकसाथ तीन ग्रैमी मिले। 1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। उनकी दो बेटियां हैं, अनीसा कुरैशी और इसाबेला कुरैशी।
पीएम मोदी, कांग्रेस नेता राहुल व खरगे ने जताया गहरा शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर गहरा दुख हुआ। उन्हें एक सच्चे प्रतिभाशाली व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में क्रांति ला दी। उन्होंने अपनी अद्वितीय लय से लाखों लोगों को मंत्रमुग्ध करते हुए तबले को वैश्विक मंच पर पहुंचाया। इसके माध्यम से उन्होंने भारतीय शास्त्रीय परंपराओं को वैश्विक संगीत के साथ सहजता से मिश्रित किया और इस प्रकार सांस्कृतिक एकता के प्रतीक बन गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से भारत और दुनिया ने एक संगीत प्रतिभा और एक सांस्कृतिक राजदूत खो दिया है, जिसने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली लय से सीमाओं और पीढ़ियों को जोड़ा। पद्म विभूषण तबला वादक और तालवादक ने असाधारण प्रदर्शन और सहयोग के साथ अपने पिता की विरासत को शानदार ढंग से आगे बढ़ाया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन का समाचार बेहद दुखद है। उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।