ऑनलाइन हाजिरी पर सख्त हुई योगी सरकार, रुकेगा वेतन
तीन दिन डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न कराने पर रुकेगा वेतन
कई जिलों में विरोध में उतरे शिक्षक
LP Live, Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार डिजिटल को लेकर पूरी तरह से गंभीर है, जिसके लिए गुरुवार से यूपी में डिजिटल अटेंडेंस पर सख्ती शुरू कर दी गई है। सरकार के सख्त निर्देश जारी हुए हैं कि यदि किसी की तीन दिन ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज नहीं हुई तो उसका वेतन रोक दिया जाएगा और डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न करने पर विभागीय आदेश की अवहेलना माना जाएगा।
यूपी के कई जिलों में बीएसए ने विभागीय आदेशों को जारी करते हुए सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को आदेश दिये हैं कि तीन दिन तक डिजिटल अटेंडेंस दर्ज न कराने पर विभागीय निर्देश की अवहेलना माना जाएगा। ऐसे में अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अगले आदेश तक ऐसे शिक्षकों का मानदेय और वेतन रोका जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 11 जुलाई (गुरुवार) से अनिवार्य रूप से शिक्षकों को डिजिटल अटेंडेंस दर्ज कराने का आदेश दिया है। सरकार के इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया। इसके विरोध में शिक्षकों के तमाम संगठन खड़े हो गए हैं। राज्य सरकार के इस कदम से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की संभावना है। शिक्षकों और कर्मचारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे रोजाना अपनी डिजिटल अटेंडेंस दर्ज करें और किसी भी तरह की लापरवाही से बचें। सरकार की इस सख्ती से शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में शिक्षक
शिक्षकों ने सरकार के आदेश को अव्यावहारिक बताया है। सरकार के इस आदेश के विरोध में यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसके साथ ही कई शिक्षक संगठनों से जुड़े अध्यापकों ने जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है। सरकार नये आदेश के लागू होने के पहले दिन (आठ जुलाई) केवल दो प्रतिशत शिक्षकों ने ही डिजिटल अटेंडेंस लगाई थी। उन्नाव-बाराबंकी के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने ऐसे शिक्षकों का वेतन या मानदेय रोकने की सिफारिश की है। लेकिन लखनऊ के बीएसए ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है। ऐसे में शिक्षकों के विरोध को देखते हुए कल (शुक्रवार को) सभी खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षा समन्वयक की मीटिंग बुलाई गई है। मीटिंग के बाद विभाग आगे की स्थिति पर निर्णय लेगा।