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खुर्जा और बुलंदशहर विकास प्राधिकरणों का होगा विलय

मुख्यमंत्री योगी के नया प्राधिकरण गठित करने के आदेश

LP Live, Lucknow: बुलंदशहर जनपद के विकास को गति देने की दिशा में योगी सरकार ने खुर्जा और बुलंदशहर के गठित दो अलग-अलग विकास प्राधिकरणों को मिलाकर एक नया विकास प्राधिकरण बनाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान खुर्जा, बुलंदशहर और मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की जीआईएस आधारित महायोजना-2031 के प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करने के बाद यह आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खुर्जा और बुलंदशहर दो अलग-अलग विकास प्राधिकरण यानी दोनों ही विकास प्राधिकरणों में आर्थिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरूपता है और यह पूरा क्षेत्र बुलंदशहर जिले के अंतर्गत आता है। इसलिए जिले के विकास के लिए दीर्घकालिक योजनाओं को बनाने और उनके सुगम क्रियान्वयन के लिए दोनों प्राधिकरणों को मिलाकर एक बड़े विकास प्राधिकरण का गठन करना बेहतर होगा। सीएम योगी ने कहा कि खुर्जा का सिरेमिक उद्योग देश-विदेश में विशेष पहचान रखता है, जहां से साल 2021 में 23 मिलियन यूएस डॉलर मूल्य के सिरेमिक उत्पाद निर्यात किए गए हैं और इससे जुड़े उद्यमियों, शिल्पियों की अपेक्षाओं के अनुसार सुविधाओं का विस्तार तथा अधिक संभानाएं हैं।

जेवर एयरपोर्ट के नजदीक खुर्जा
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि खुर्जा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक होने के कारण उसे ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लाभ भी मिल रहा है। ऐसी स्थिति में खुर्जा को भविष्य में निर्यात का हब बनाना आसान है, जहां पॉटरी उद्योग के उद्यमियों के लिए एक नए इंडस्ट्रियल एरिया का विकास भी होना आवश्यक हे। चाहिए। रिड्यूज, रीयूज, रिसाइकिल की नीति के साथ सभी नगरों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए ठोस कार्ययोजना पर बल देते हुए सीएम ने कहा कि इसे महायोजना में स्थान दिया जाए और एसटीपी, सीईटीपी का निर्माण कराएं। लैंडफिल साइट पहले से चिन्हित हो।

मुरादाबाद प्राधिकरण पर चर्चा
इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महायोजना के तहत कहा कि मुरादाबाद में रामगंगा नदी के किनारे अतिक्रमण की स्थिति है। ऐसी ही स्थिति काशी, सहारनपुर आदि जनपदों में भी देखी जा सकती है। अभी लखनऊ में कुकरैल नदी के पुनर्जीवन की कार्रवाई हो रही है। अवैध बसावट को हटाकर उन्हें अन्यत्र पुनर्वासित कराया गया है। इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप कार्रवाई की जानी चाहिए। सीमा विस्तार में शामिल नए गांवों को महायोजना में आबादी के रूप में ही दर्ज किया जाए। किसी भी दशा में इसे ग्रीन बेल्ट न कहा जाए। उन्होंने कहा कि सभी नगरों में इनर रिंग रोड का विकास करना होगा। इस इनर रिंग रोड के बगल में विभिन्न लिंक रोड पर सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। नगर के अंदर के कंजेशन को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि रिंग रोड के किनारे पर अलग-अलग व्यवसायिक गतिविधियों का विकास करने के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए, तो वहीं स्पोर्ट्स सिटी, मेडि सिटी, नॉलेज सिटी, नेचर पार्क, आयुष पार्क आदि के विकास पर भी बल दिया।

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