LP Live, Chandigarh: केंद्र सरकार से बातचीत के बीच किसानों का शंभू बोर्डर पर जमवाड़ा और दिल्ली कूच की तैयारी को रोकने के लिए पुलिस का एक्शन भी शुरु हो गया। शंभू बोर्डर पर पुलिस ने ड्रोन से प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, तो वहां हालात खराब होने से सुरक्षा बल भी बढ़ा दिया गया है। जबकि पंजाब और हरियाणा के किसानों का एक बड़ा जमावड़ा दिल्ली कूच करने के लिए सुरक्षा बलों से झड़प में उलझा हुआ है। हालात को देखते हुए पंजाब व हरियाणा बोर्डरों पर अलर्ट के साथ भारतीय सुरक्षा बल तैनात कर दिये गये हैं।
पिछले दस दिन से आंदोलन करते आ रहे प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली जाने की जिद्द पर अड़े हुए हैं, जिस कारण अब पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर आपातकाल जैसे हालात बन गये हैं, जहां पंजाब सरकार ने भी हर हालातों से निपटने की तैयारी कर ली है। यानी किसान आंदोलन के चलते किसी भी हालातों से निपटा जा सके। वहीं हरियाणा से लगी सीमा पर सशस्त्र सेना बल की गाड़ियां लगाई गई हैं। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में एंबुलेंस भी तैनात है। साथ ही आसपास के सभी अस्पतालों को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। सीमाओं पर एंबुलैंस भी तैनात कर दी गई हैं।
सरकार किसान संगठनों से चार बार की वार्ता विफल होने के बाद पांचवी वार्ता करने को तैयार है, लेकिन किसानों और प्रशासन के बीच बने तनाव के बीच किसान कंक्रीट व भारी-भरकम बैरिकेड तोड़ने के लिए बख्तरबंद भारी मशीनरी लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर जमा हैं। सरकार के साथ चार बार की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद आज फिर किसान दिल्ली की तरफ कूच करने की तैयारी में हैं। किसान आंदोलन में शामिल 14 हजार किसान अपने 1200 ट्रैक्टरों के साथ आज फिर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच कर रहे है।
आर पार के मूड में किसान
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प की अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए दोनों राज्यों ने अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए जेसीबी, पोकलेन, टिपर या अन्य भारी अर्थमूविंग उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उधर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर पटियाला जिले में हरियाणा पुलिस के कंक्रीट बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए लोहे की चादरों से ढके कई ट्रैक्टरों को तैनात किया था। किसान यूनियन नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है। मसलन तीन केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय के एक पैनल ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों को पाँच साल का प्रस्ताव दिया था।
सरकार की शांति बनाए रखने की अपील
केंद्र सरकार की और से प्रदर्शनकारी किसानों से शांति कायम रखने की अपील के साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने ट्वीट कर कहा सरकार चौथे दौर के बाद पांचवें दौर में सभी मुद्दे जैसे की एमएसपी की माँग, फसल विविधीकरण, पराली का विषय, एफआईआर पर बातचीत के लिए तैयार है। वह दोबारा किसान नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करते हैं। हमें शांति बनाये रखना जरूरी है।