हाई कोर्ट से फिर केजरीवाल को झटका: याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार
हाई कोर्ट अब 27 मार्च को याचिका पर करेगा सुनवाई
ईडी ने बताया कि दिल्ली शराब घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता है केजरीवाल
LP Live, New Delhi: सुप्रीम कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी और रिमांड को अवैध करार देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की। लेकिन हाईकोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की अर्जी पर 27 मार्च यानी होली के बाद सुनवाई करने को कहा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में ईडी की गिरफ्तारी और रिमांड की कार्रवाई के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दायर की। अपनी गिरफ्तारी और ईडी रिमांड को चुनौती देने वाली इस याचिका पर हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इंकार करते हुए होली के बाद 27 मार्च को सुनवाई के लिए तिथि तय की है। जबकि याचिका में 24 मार्च को तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया गया था। गौरतलब है कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दो घंटो की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार (21 मार्च) को ही अरविंद केजरीवाल की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में ईडी को उनके खिलाफ कार्रवाई करने से रोकने की मांग की गई थी।
शराब घोटाले में केजरीवाल ‘मुख्य साजिशकर्ता’: ईडी
दिल्ली शराब नीति घोटाले की जांच कर रहे ईडी ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के मंत्रियों, नेताओं और कुछ अन्य लोगों के बीच मिलीभगत से कथित घोटाला हुआ और अरविंद केजरीवाल इसके मुख्य साजिशकर्ता हैं। केजरीवाल को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था। ईडी ने कहा कि सीधे तौर पर कुछ व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए आबकारी नीति तैयार करने की साजिश में वो शामिल थे और बदले में शराब व्यवसायियों से रिश्वत मांगने में भी वो शामिल थे, जिसके लिए व्यापारियों को लाभ दिया गया। जांच एजेंसी ईडी ने कहा कि इसलिए न केवल आप बल्कि अरविंद केजरीवाल को पीएमएलए की धारा 4 के तहत दंडनीय अपराध का दोषी माना जाएगा और पीएमएलए की धारा 70 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है।