

सरकार और सत्ता पक्ष ने कहा-राहुल से सदन में आकर माफी मांगे
LP Live, New Delhi: संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की सोमवार को शुरुआत हंगामे के साथ हुई। दोनों सदनों में कांग्रेस नेता राहुल गांव के लंदन में दिये गये बयान को भारत की प्रतिष्ठा और गरिमा के खिलाफ बताते हुए सत्ता पक्ष ने माफी की मांग की। दोनों सदनों में हंगामे के चलते संसद की पहले दिन कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में सोमवार को प्रश्नकाल शुरू होने से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर लंदन यानी विदेशी धरती पर जाकर भारत की गरिमा और प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी को सदन में आकर इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने पूरे सदन द्वारा राहुल गांधी के बयान का खंडन करने की मांग भी की। राजनाथ सिंह ने कहा कि राहुल गांधी ने लंदन जाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश की है। राहुल ने कहा है कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था तहस-नहस हो रही है और विदेशी ताकतों को यहां पर आकर भारत के लोकतंत्र को बचाना चाहिए। उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष से राहुल गांधी को सदन में आकर माफी मांगने का निर्देश देने की भी मांग की। इस बीच विपक्षी दलों के सांसद अपनी-अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। सत्ताधारी बेंच की तरफ से कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अपनी-अपनी सीट पर खड़े होकर राहुल गांधी के माफी मांगने की मांग करते रहे। जोशी ने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाए गए आपातकाल और मनमोहन सिंह सरकार के समय राहुल गांधी द्वारा फाड़े गए अध्यादेश का जिक्र करते हुए यह भी पूछा कि उस समय लोकतंत्र कहां था? दो बजे तक स्थगन के बाद फिर लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो वहीं हंगामा रहा, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।

राज्यसभा में भी उठी माफी की मांग
दूसरी ओर राज्य सभा में सरकार की तरफ से नेता सदन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती से भारतीय लोकतंत्र पर हमला करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के एक बड़े नेता ने विदेशी धरती से न्यायपालिका, मीडिया और अन्य संस्थाओं पर आरोप लगाए हैं, उन्होंने भारत के लोगों और भारत की संसद का अपमान किया है इसलिए उन्हें संसद में माफी मांगनी चाहिए। दोनों सदनों में इस मुद्दे को लेकर लगातार होते हंगामे के कारण कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद जैसे ही कार्यवाही फिर शुरू की गई तो इस मुद्दे को लेकर हंगामा होने के कारण उच्च सदन की कार्यवाह को भी मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
