

मणिपुर मुद्दे पर हंगामे पर उतारु विपक्ष, सरकार संसद में चर्चा कराने को तैयार
LP Live, New Delhi: संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को भी दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया, जबकि सरकार इस मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा कराने को तैयार है, लेकिन विपक्ष के सांसदों का वेल में आकर नारेबाजी करना और प्लेकार्ड लहराना लोकसभा अध्यक्ष को रास नहीं आया और विपक्ष के इस रवैये से नाराज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को सदन की कार्यवाही का संचालन तक नहीं किया।
संसद में पहले ही दिन से दोनों सदनों में विपक्ष लामबंद होकर मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हंगामा करके कार्यवाही को बाधित करता आ रहा है। लोकसभा में विपक्षी दल के सांसद लगातार वेल में आकर नारेबाजी करके हंगामा करते आ रहे हैं। यहां तक कि विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस भी दिया है, जिसमें पर अगले सप्ताह चर्चा होनी है, जिसका जवाब पीएम मोदी देंगे। लेकिन इसके बावजूद विपक्षी दलों इस तरह संसदीय मार्यादाओं के विपरीत विपक्ष के हंगामे से नाराज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन के संचालन करने नहीं पहुंचे। दूसरी ओर विपक्ष के हंगामा करने की हदे पार होने से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ भी बेहद नाराज हैं, जो आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित भी कर चुके हैं। बुधवार को भी लोकसभा में विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

मंगलवार को दी थी नसीहत
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन के कामकाज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से गहरी नाराजगी जताई। बिरला ने दोनों पक्षों से कहा कि जब तक सांसद सदन की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करेंगे, तब तक वह लोकसभा में नहीं आएंगे। बुधवार को भी जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बिरला अध्यक्ष की सीट पर नहीं आये। संसद के अधिकारियों ने विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को संसद में बार-बार होने वाले व्यवधान पर अध्यक्ष की नाराजगी से अवगत कराया गया है।
राज्यसभा से विपक्षी सांसदों का वाकआउट
उधर राज्यसभा में बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी दलों ने पीएम मोदी की मौजूदगी की मांग करते नजर आए। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ स्पष्ट रूप से कहा कि वह पीएम मोदी को सदन में आने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं। इस मुद्दे पर हंगामा करते सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार भी किया। हर दिन की तरह बुधवार को भी राज्यसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई।
