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संसद का मानसून सत्र: इस बार सदन में डिजिटल होगी कार्यवाही

संसदीय कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण की शुरु हुई पहल
LP Live, New Delhi: संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद को कागज रहित बनाने के प्रयासों के तहत संसदीय कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण की पहल शुरु की है। मसलन मानसून सत्र के पहले दिन से ही सांसद अपनी सीट से ही उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। वहीं इस बार सदन की कार्यवाही को सुनने के लिए सिंधी समेत चार भाषाओं का विस्तार किया जा रहा है।

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संसदीय कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के निरंतर प्रयासों के तहत लोकसभा सचिवालय ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सक्षम संसदीय कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के तहत पारदर्शिता, समावेशन और संसदीय प्रक्रियाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए नई पहलों पर चर्चा की है। मसलन लोकसभा कक्ष में प्रत्येक सीट पर मल्टीमीडिया कॉन्फ्रेंसिंग डिवाइस स्थापित किए गए हैं। संसाधनों और समय की बचत के लिए एक नई सुविधा जोड़ी गई है, जिसके अंतर्गत अब सभी सांसद अपनी सीट पर लगे इस डिवाइस के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे। इससे प्रतिदिन सांसदों का समय बचेगा और एक चरण की आवश्यकता समाप्त होगी। लोकसभा अध्यक्ष की पिछले साल सांसदों को लॉबी में एक इलेक्ट्रॉनिक टैबलेट पर डिजिटल पेन का उपयोग करके सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का विकल्प दिया था।

संसद भाषणी ऐप का ट्रायल
वहीं लोकसभा कक्ष में भाषायी समावेशन और नागरिक सहभागिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में लोकसभा सचिवालय अब संसद के दैनिक कार्यसूची दस्तावेज़ों को एआई आधारित टूल्स की सहायता से 12 भाषाओं में प्रकाशित कर रहा है, जिसमें हिंदी, अंग्रेज़ी, गुजराती, असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगू भाषा शामिल हैं। इससे सांसदों और देशभर के नागरिकों के लिए विधायी कार्यवाही की बेहतर समझ और व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी। इस पहल का दीर्घकालिक उद्देश्य है कि एआई-सक्षम ट्रांसक्रिप्शन को मुख्यधारा में लाया जाए, जिससे लोकसभा में हो रही बहसों और चर्चाओं की रियल-टाइम बहुभाषीय पहुंच और दक्षता में वृद्धि हो। मसलन लोकसभा में अभी 18 अलग-अलग भाषाओं में अपनी सहूलियत के हिसाब से सदन की कार्रवाई को सुना जा सकता है। इसमें सिंधी समेत चार और भाषाओं को जोड़ा जा रहा है।

एजेंडा भी अलग भाषा में मिलेगा
संसदीय कार्यप्रणाली में आधुनिक और डिजिटल बदलाव के तहत सांसदों को मिलने वाला एजेंडा भी उन्हीं की भाषा में दिए जाने पर काम किया जा रहा है। इसके तहत आठ से 12 भाषाओं में यह एजेंडा इस बार से उनकी स्क्रीन पर पीडीएफ के रूप में देना शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए एआई का इस्तेमाल करते हुए अलग से एक संसद भाषणी ऐप बनाया गया है। सदन की डिबेट और अन्य कार्रवाई को भी लोकसभा की रिपोर्टिंग ब्रांच के साथ-साथ एआई के माध्यम से ट्रांसलेट करके लिखने का ट्रायल भी इस सत्र में किया जाएगा।

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