शिक्षा ही विकास और समानता का वाहक है: बिरला
इस बदलते परिवेश के अनुरूप प्रगतिशील पाठ्यक्रम तैयार करें विश्वविद्यालय


देश में उच्च शिक्षा के लोकतंत्रीकरण में इग्नू का अहम योगदान रहा: लोकसभा अध्यक्ष
LP Live, New Delhi: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि शिक्षा ही विकास और समानता का वाहक है, इसलिए विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आगे आना आवश्यक है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को इस बदलते परिवेश के अनुरुप प्रगतिशील पाठ्यक्रम तैयार करने पर भी बल दिया।
यह बात ओम बिरला ने शनिवार को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली परिसर में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण करते हुए हुए कही। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर जैसे एक दूरदर्शी नेता ने देश के संविधान के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया है। उनके समानता और न्याय के आदर्श भारतीय लोकतंत्र को लगातार मजबूत करते हैं। इसलिए शिक्षा समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना आवश्यक है, क्योंकि शिक्षा ही समानता और विकास का वास्तविक वाहक माना गया है। बिरला ने इग्नू के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय अब उच्च शिक्षा में नामांकन के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बन चुका है, जिसने न केवल भारत में बल्कि पूरे देश में और दुनिया भर के 53 देश के 35 लाख से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की है। बिरला ने शिक्षाविदों और प्रशासकों से शैक्षिक क्षेत्र में बदलावों को अपनाने और बदलते समय की उभरती जरूरतों के अनुसार एक प्रगतिशील पाठ्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया।

अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने इग्नू परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण अनावरण किया। वहीं उन्होंने इग्नू रिसर्च यूनिट का नाम सावित्रीबाई फुले रिसर्च यूनिट रखा और कहा कि सावित्रीबाई फुले एक ऐसी क्रांति की सूत्रधार रहीं, जिन्होंने महिलाओं के लिए शिक्षा और अधिकार सुनिश्चित किए। उनके संघर्ष का सुपरिणाम हैं कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में नेतृत्व कर रही हैं। इस मौके पर उन्होंने इग्नू प्रॉस्पेक्टस का ब्रेल संस्करण भी जारी किया
छात्रों को किया प्रोत्साहित
बिरला ने छात्रों को शिक्षा की उत्पादकता और गुणवत्ता में लगातार सुधार करने और ज्ञान और नवाचार आधारित क्षेत्रों में प्रगति करने के लिए विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध विशाल शैक्षिक सामग्री का पूर्ण और सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह उल्लेख करते हुए कि आज के स्मार्ट शिक्षा के युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स जैसे नए सीखने के लिए अनेको रास्ते हैं जो अब सभी के लिए उपलब्ध है। बिरला ने छात्रों से इनका अधिकतम उपयोग करने का आग्रह किया।
