9वीं कक्षा से लेकर मेडिकल डिग्री तक 10 हजार से 21 हजार तक मिलेगी छात्रवृति
LP Live, Palwal: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भगवान श्री विश्वकर्मा जयंती के मौके पर प्रदेश में श्रमिकों के शिक्षित बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति की राशि में अभूतपूर्व बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। वहीं स्नातक की शिक्षा हासिल करने वाली श्रमिक बेटियों को इलेक्ट्रिक स्कूली के लिए मिलेंगे 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस मौके पर सीएम ने विश्वकर्मा जयंती तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर प्रदेश व देशवासियों को बधाई भी दी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को पलवल जिले में विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर श्रमिकों के कल्याणार्थ घोषणाएं करते हुए कहा कि अभी तक बेटों व बेटियों को छात्रवृति राशि में अंतर रहता था, लेकिन बेटों व बेटियों को एक समान रूप से छात्रवृतियों की राशि दी जाएगी। एक समान होगी। उन्होंने औद्योगिक श्रमिकों के बच्चों को दी जाने वाली वर्तमान में छात्रवृति की राशि 5000 रुपये से 16000 रुपये तक को बढ़ाकर 10 हजार रुपए से 21 हजार रुपए तक करने का ऐलान किया।
स्नातक करने वाली बेटी को मिलेगी स्कूटी
मुख्यमंत्री ने श्रमिकों की स्नातक स्तर में शिक्षा प्राप्त कर रही बेटियों को इलैक्ट्रिक स्कूटी प्रदान करने के लिए 50 हजार रुपये की राशि देने की घोषणा की। इसी प्रकार श्रमिकों को साईकिल खरीदने हेतु 3000 रुपये की राशि बढ़ाकर 5000 रुपये करने, महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन खरीदने हेतु 3500 रुपये की राशि बढाकर 4500 रुपये करने की भी घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री ने क्रॉनिक बीमारी होने पर श्रमिकों को स्वास्थ्यप्रद खान-पान हेतू 2000 रुपये प्रति माह दिये जाने की भी घोषणा की। इसके अलावा फतेहाबाद तथा जिला गुरुग्राम के हरसरू, कादीपुर, वजीराबाद में ईएसआई डिस्पेंसरी स्थापित की जाएगी तथा हरियाणा राज्य की सभी ईएसआई डिस्पैंसरियों में ईसीजी सुविधायें उपलब्ध करवाई जायेंगी।
श्रमिक के लिए बनेंगे दो हजार फ्लैट
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि परिवार का पालन पोषण करने के लिए काम की तलाश में श्रमिकों को एक नगर से दूसरे नगर जाना पड़ता है, इसलिए उनकी सुविधा हेतु पहले चरण में फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत व यमुनानगर में प्रत्येक जिले में 500-500 फ्लैट उपलब्ध करवाये जायेंगे।
गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की ओर से गुरू शिष्य कौशल सम्मान योजना शुरू की जा रही है। इसके तहत अनौपचारिक क्षेत्र के 25,000 शिल्पकारों, कारीगरों और श्रमिकों जैसे प्लंबर, बढ़ई, राजमिस्त्री आदि की कौशल क्षमता को पहचानना, प्रमाणित करना और उन्हें दक्ष गुरु के रूप में पहचान दिलवाना है। इस योजना के तहत 75 हजार युवाओं को कौशल आधारित प्रशिक्षुता प्रशिक्षण के लिए ट्रेड गुरुओं के साथ प्रशिक्षु के रूप में जोड़ा जाएगा। यह योजना 5 साल के लिए होगी तथा इसका कुल बजट अनुमान 208.66 करोड़ रुपये होगा।