

मरने वालों में कंधार कांड के अजहर मसूद परिवार के लोग भी शामिल
LP Live, New Delhi: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में चल रहे आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करके उन्हें ध्वस्त कर दिया। भारत ने यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के बदले में की है।
भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने बुधवार को भारतीय सेना की एयर स्ट्राइक की जानकारी देते हुए बताया कि आ कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान व पीओके में एयर स्ट्राइक करके 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए उन्हें नेस्तनाबूद यानी ध्वस्त कर दिया गया है। भारतीय सेना के इस हमले में कम से कम 90 आतंकियों के मारे जाने की आशंका है। यह एयर स्ट्राइक 6-7 मई की रात्रि 1 बजकर पांच मिनट से लेकर 1 बजकर 30 मिनट तक कार्रवाई की गई। पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के मकसद से भारतीय सेना की आतंकी ठिकानों की पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर स्टीक और शतप्रतिशत कामयाब रही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इन इलाकों में पिछले तीन दशकों में आतंकवाद की फैक्ट्रियां खड़ी कर दी हैं।
पीओके में इन आतंकी ठिकानों पर हमला
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि सैन्य बल की तरफ से एयर स्ट्राइक के रुप में हमलों को अंजाम देने के लिए सबसे पहले सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया गया। यह पीओजेके में स्थित लश्कर का सेंटर है, जो एलओसी से 30 किलोमीटर दूर है। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने सवाईनाला कैंप से ही प्रशिक्षण लिया था। इसके बाद सैदना बिलाल कैंप को निशाना बनाया गया। यह जैश का स्टेजिंग एरिया है। यह हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल ट्रेनिंग का कैंप भी था। इसके बाद फूलपुर कैंप पोटली, एलओसी से 30 किलोमीटर दूर था। यह लश्कर का बेस था जो राजौरी और पुंछ में सक्रिय था।

लश्कर का ट्रेनिंग कैंप तबाह
अप्रैल 2023 पुंछ में और जून 2024 में तीर्थयात्रियों पर बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा बरनाला कैंप, भींबर एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां से हथियार हैंडलिंग और जंगल सर्वाइवर ट्रेनिंग दी जाती थी। इसके अलावा अब्बास कैंप पोटली को भी नष्ट किया गया। यह कैंप एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर के फिदायीन ट्रेनिंग लेते थे। इसकी क्षमता 15 आतंकियों की थी।
पाकिस्तान के भीतर के टारगेट पर निशाना
सेनाप्रवक्ता के अनुसार पीओके के अतिरिक्त पाकिस्तान के भीतर भी 4 कैंपों को निशाना बनाया गया। इसमें बहावलपुर, मुदरके, सरजल और मेहमूना जोया शामिल थे। सरजल कैंप सियालकोट अंतरराष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर हैं। मार्च 2025 में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों की हत्या करने वालों आतंकियों की ट्रेनिंग दी गई थी। यह अंतरराष्ट्रीय सीमा ने 18 किलोमीटर दूर था।
आतंकी ट्रेनिंग सेंटर व मुख्यालय ध्वस्त
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया गया. इसमें पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद स्थित लश्कर के ट्रेनिंग सेंटर, बरनाला कैंप और सियालकोट के महमूना कैंप को निशाना बनाकर नष्ट किया गया। इन ठिकानों पर हमला कर आतंकियों की रीढ़ तोड़ने की रणनीति अपनाई गई, क्योंकि यहीं से उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता था।
